गीला-सूखा कचरा अलग करने पायलट प्रोजेक्ट, मेयर ने कहा जरूरी है जनजागृति

Pilot project to separate wet and dry garbage in nagpur maharashtra
गीला-सूखा कचरा अलग करने पायलट प्रोजेक्ट, मेयर ने कहा जरूरी है जनजागृति
गीला-सूखा कचरा अलग करने पायलट प्रोजेक्ट, मेयर ने कहा जरूरी है जनजागृति

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  महापौर नंदा जिचकार ने कहा कि, स्वच्छ सर्वेक्षण की दृष्टि से शहर में एकत्रित होने वाले कचरे को निर्मिती स्थल पर अलग-अलग करने के लिए जनजागृति आवश्यक है। संपूर्ण शहर में यह प्रकल्प क्रियान्वित करना है तो शुरूआती कार्यकाल में दो जोन के एक-एक प्रभाग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे अमल में लाएं।  स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में शामिल होने के लिए नागपुर महानगरपालिका प्रशासन द्वारा क्या तैयारी की जा रही है, इसकी समीक्षा करने के लिए हाल में मनपा मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई थी। इस अवसर पर वे बोल रही थीं।

बैठक में उपमहापौर दीपराज पार्डीकर, सत्तापक्ष उपनेता वर्षा ठाकरे, ज्येष्ठ नगरसेवक प्रवीण दटके, आरोग्य समिति सभापति मनोज चापले, नगरसेवक सुनील अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त रवींद्र ठाकरे, राम जोशी, अजीज शेख, आरोग्य अधिकारी (स्वच्छता) डॉ. प्रदीप दासरवार, आरोग्य अधिकारी (दवाखाने) डॉ. अनिल चिव्हाणे, कार्यकारी अभियंता अनिरुद्ध चौगंजकर, मोती कुकरेजा, गिरीश वासनिक, हत्तीरोग नियंत्रण अधिकारी जयश्री थोटे, सहायक आयुक्त सुभाष जयदेव, राजू भिवगडे, हरीश राऊत, अशोक पाटील, राजेश कराडे, गणेश राठोड, स्मिता काले आदि उपस्थित थे।

चरणबद्ध तरीके से अमल
महापौर नंदा जिचकार ने कहा कि, गीला-सूखा कचरा अलग करना स्वच्छ सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस बाबत जनजागृति बड़े पैमाने पर करने की जरूरत है। यह प्रकल्प चरणबद्ध तरीके से अमल में लाने पर सफल होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण अंतर्गत किए जाने वाले काम स्पर्धा की दृष्टि से महत्वपूर्ण, लेकिन शहर स्वच्छ रखना ही इसका एकमात्र उद्देश्य है। इसके लिए ‘अपना शहर’ यह भावना पहले आना जरूरी है। जो नागरिक निर्मिति स्थल पर कचरे को अलग-अलग नहीं कर रहे हैं, उनपर दंड लगाने के निर्देश भी महापौर ने दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में सहायक आयुक्त और जोनल अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिस कारण उनकी जिम्मेदारी निश्चित कर, अमल करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें सभी पदाधिकारी व नगरसेवकों को भी विश्वास में लेने की सूचना की गई।

पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने कहा कि, हमें सिर्फ अंक लेने के लिए स्पर्धा में उतरने की अपेक्षा ‘मेरा शहर स्वच्छ होना चाहिए’ इस भावना से स्पर्धा में उतरना चाहिए। भविष्य में यह काम आउटसोर्सिंग से करने की बजाए मनपा के अधिकारी-कर्मचारियों के माध्यम से किए जाएं। कचरा अलग करने के लिए प्रत्येक घर में मॉनिटरिंग करना आवश्यक है। कनक के माध्यम से निर्मिती स्थल से कचरा अलग कर उठाया जाए। स्वच्छता विषय के लिए एक सहायक आयुक्त और एक उपायुक्त दर्जे का अधिकारी पूर्णकालिक दिया जाए। इससे पहले स्वास्थ्य अधिकारी (स्वच्छता) डॉ. प्रदीप दासरवार ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 बाबत जानकारी दी।

स्वच्छ सर्वेक्षण अंतर्गत इस बार चार घटक हैं, ‘सर्विस लेवल प्रोग्रेस’, ‘डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन’, ‘सिटीजन फीडबैक’ और ‘सर्टिफिकेशन’ को शामिल किया गया है। प्रत्येक घटक के लिए 1250 अंक होने की जानकारी दी।

सात दिन में नियोजन करें 
महापौर नंदा जिचकार ने कहा कि, स्वच्छ सर्वेक्षण की दृष्टि से संपूर्ण नियोजन करें। सात दिन के बाद इस बाबत दोबारा समीक्षा बैठक लेकर उसमें संपूर्ण नियोजन और जबाबदारी सहित जानकारी पेश करें। 
 

Created On :   11 Sep 2018 6:02 AM GMT

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