धर्म परिवर्तन कर किया यौन शोषण, दुबई ले जाकर बनाया सेक्स स्लेव

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धर्म परिवर्तन कर किया यौन शोषण, दुबई ले जाकर बनाया सेक्स स्लेव
धर्म परिवर्तन कर किया यौन शोषण, दुबई ले जाकर बनाया सेक्स स्लेव

डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल हाईकोर्ट में तलाक की अपील करते हुए एक 25 वर्षीय महिला ने अपनी दर्द भरी दास्तां सुनाई है। उसने आरोप लगाया है कि आरोपी पति ने पहले तो उसे जबरन धर्म परिवर्तन कराकर निकाह किया और लगातार यौन शोषण करता रहा। पीड़िता ने कहा कि वो मुझे दुबई ले गया, जहां वो मुझे सेक्स स्लेव के तौर पर काम करने मजबूर कर रहा था। अब उसका प्लान अक्टूबर में सीरिया जाकर वहां मुझे ISIS के हाथों बेचने का था। इस मामले की सुनवाई 13 नवंबर को केरल हाईकोर्ट में होने की संभावना है।

गुजरात में पली बढ़ी है पीड़िता

जानकारी के अनुसार पीड़ित महिला एक मलयाली परिवार में जन्मी है और गुजरात में पली बढ़ी है। उसने बताया कि बेंगलुरु में एक निजी संस्थान में अध्ययन करते समय वह उस शख्स से मिली थी। तभी से यह सिलसिला शुरु हुआ। पीड़िता ने बताया कि पहले वो शख्स उसके जीवन में बहुत सिंपल था, लेकिन दुबई जाने के बाद उसने अपना असली चेहरा दिखाया।

रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए करते थे ब्लैकमेल

केरल हाईकोर्ट में महिला ने याचिका दायर करते हुए बताया कि रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल कर यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। उससे जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाया गया और सेक्स स्लेवरी के लिए दुबई लाया गया। पीड़िता ने बताया कि सऊदी अरब पहुंचने के बाद इसने अपना असली रंग दिखाया। यह शख्स सेक्स स्लेव के तौर पर काम करने के लिए मजबूर कर रहा है। इसके बाद उसने मुझसे कहा कि वह कुछ दिनों के अंदर ही सीरिया ले जाएंगे। आईएसआईएस के आतंकवादियों के हाथों मुझे बेचने की भी इनकी योजना थी।

जाकिर नाईक के वीडियो दिखाए जाते थे

याचिका में महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया कि वो उसे इस्लामिक कक्षाओं में शामिल होने और जाकिर नायक के वीडियो देखने के लिए मजबूर किया जाता था। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि उसके पति का जबरन रूपांतरण और शादी का कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से संबंध है। बता दें कि PFI संगठन पर इससे पहले भी धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगते रहे हैं।

अक्टूबर में सीरिया ले जाने की थी तैयारी

पीड़िता ने बताया है कि उनकी योजना थी कि वो मुझे अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही सीरिया ले जा सके। इस बात से मैं काफी डर गई थी और मैंने 3 अक्टूबर 2017 को अपने माता-पिता को इंटरनेट के जरिए इस बात की सूचना दी और खुद को बचाने की अपील की। इसके बाद पिता ने व्हाट्सएप के जरिए एयर टिकट की स्कैन की गई कॉपी भेज दी। वह अपने पिता की मदद से 4 अक्टूबर को वहां से बचकर वापस वतन लौट आई, जिसके बाद याचिकाकर्ता 5 अक्टूबर 2017 को अहमदाबाद पहुंच पाई।

Created On :   11 Nov 2017 8:38 AM GMT

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