PM मोदी आज से चीन की दो दिवसीय यात्रा पर, शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात

PM मोदी आज से चीन की दो दिवसीय यात्रा पर, शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात
हाईलाइट
  • 1954 के बाद पहली बार ये अनौपचारिक चर्चा होने जा रही है।
  • इस समिट की मेजबानी खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग करेंगे।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा के लिए रवाना होंगे।
  • वे पहली बार इस तरह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं इसलिए सभी को इससे काफी उम्मीदें भी हैं।
  • शुक्रवार को पीएम मोदी चीन पहुंचकर अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और भारत-चीन के बीच रिश्तों क

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा के लिए रवाना होंगे। कल यानि शुक्रवार को पीएम मोदी चीन पहुंचकर अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और  भारत-चीन के बीच रिश्तों को सुधारने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। 

 

 

वुहान शहर में होगा शिखर सम्मेलन

सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए चीन के वुहान शहर में शिखर सम्मेलन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस समिट की मेजबानी खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग करेंगे। वे पहली बार इस तरह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं इसलिए सभी को इससे काफी उम्मीदें भी हैं। वहीं खास वजहों से वुहान को सम्मेलन के लिए चुना गया है। वुहान चीन का प्रसिद्ध शहर है यहां यागत्से नदी बहती है तीन बांध भी हैं। जानकारी के मुताबिक मोदी उत्तर में बीजिंग, पूर्व में शियामेन, दक्षिण में स्थित शंघाई और पश्चिम में शियान भी जा चुके हैं लेकिन वो अब तक चीन के मध्य में नहीं गए हैं। इसलिए इस बार पीएम मोदी को चीन मध्य में स्थित वुहान में आमंत्रित किया गया है।

 


1954 के बाद पहली बार अनौपचारिक वार्ता

बता दें कि 1954 के बाद पहली बार ये अनौपचारिक चर्चा होने जा रही है। रविवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी के चीन दौरे के बारे में बताया था। डोकलाम विवाद के बाद भारत-चीन के संबंधों में आए इस बदलाव से दोनों देशों के बीच एक नई शुरुआत के आसार दिख रहे हैं। 

 

 

पहली बार प्रोटोकॉल तोड़कर हो रही द्विपक्षीय वार्ता

दोनों देशों के बीच सुधरते रिश्तों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चीन पहली बार सभी प्रोटोकॉल तोड़कर किसी देश के प्रमुख के साथ बीजिंग से बाहर द्विपक्षीय वार्ता करने जा रहा है। 27 और 28 अप्रैल को पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन भारत-चीन के संबंधों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

 

 


राजीव गांधी की यात्रा से की जा रही तुलना

चीनी मीडिया की नजरें भी पीएम मोदी के दौरे पर टिकी हुई हैं। वहां मोदी के दौरे की तुलना पूर्व पीएम राजीव गांधी के 1988 के दौरे से की जा रही है। राजीव गांधी की मेजबानी करने वाले पूर्व नेता देंग जिआयोपिंग के ट्रांसलेटर रह चुके गाओ झिकाई के मुताबिक 1988 में राजीव गांधी की यात्रा ने भारत-चीन के बीच रिश्तों के लिए अहम थी। पीएम मोदी की यात्रा और इस शिखर सम्मेलन से भी दोनों देशों के बीच दोस्ती मजबूत होगी।

 


कई अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देशों के शीर्ष नेता आपसी विवादों पर प्रमुखता से बात करेंगे। इनमें दोनों देशों के बीच 3488 किमी लंबी सीमा पर चल रहे विवाद को सुलझाने की दिशा में सहमति बनाने की कोशिश सबसे अहम होगी। वन बेल्ट, वन रोड पर भारतीय विरोध के संबंध में चीनी राष्ट्रपति बात कर सकते हैं। इसके अलावा व्यापारिक संबंधों को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है। अमेरिका के साथ चीन की ट्रेड वार का मुद्दा भी उठ सकता है।

Created On :   26 April 2018 3:49 AM GMT

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