पीएम मोदी का पार्टी नेताओं को डिनर, जानें क्या है सियासी मायने? 

PM Narendra Modi to hold dinner meet with BJP senior leaders
पीएम मोदी का पार्टी नेताओं को डिनर, जानें क्या है सियासी मायने? 
पीएम मोदी का पार्टी नेताओं को डिनर, जानें क्या है सियासी मायने? 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार शाम को पार्टी के सीनियर लीडर्स के लिए एक डिनर होस्ट करने वाले हैं। इस डिनर में पीएम मोदी और पार्टी प्रेसिडेंट अमित शाह के अलावा पार्टी के सभी जनरल सेक्रेटरीज़ और सीनियर लीडर्स मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी की ये डिनर पार्टी इसलिए भी खास है, क्योंकि इस साल 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि दो राज्यों में अगले दो महीनों में ही चुनाव होने हैं। इसलिए माना जा रहा है कि डिनर पार्टी के बहाने पीएम मोदी पार्टी के सीनियर लीडर्स से आगे की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। बता दें कि गुजरात और हिमाचल चुनाव के बाद ये पहली बार है, जब पीएम मोदी पार्टी के सीनियर लीडर्स से मुलाकात करेंगे।


पार्टी के सभी सीनियर लीडर्स को किया इनवाइट

बीजेपी के एक सीनियर लीडर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आज शाम को होने वाली डिनर पार्टी में सभी सीनियर लीडर्स को इनवाइट किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अगले साल कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं और इस डिनर में पीएम मोदी और अमित शाह पार्टी के सभी लीडर्स से इस पर चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही पार्टी की रणनीति भी तय की जाएगी।

इस साल 8 राज्यों में होने हैं चुनाव

बीते साल 7 राज्यों में चुनाव हुए और 6 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी। अब साल 2018 में 8 राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में नवंबर-दिसंबर में चुनाव है और इन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है। जबकि कर्नाटक और मेघालय में भी चुनाव है और इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। वहीं त्रिपुरा में फरवरी-मार्च में चुनाव हो सकते हैं और यहां पर बीजू जनता दल की सरकार है। इन सबके अलावा इसी साल मिजोरम और नागालैंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।

कर्नाटक पर है बीजेपी की नजर

कर्नाटक उन 4 राज्यों में से एक है, जहां कांग्रेस की सरकार है। कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी को यहां वापसी की उम्मीद है। साउथ इंडिया का कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में रह चुकी है। कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं। 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां की 224 सीटों में से 122 सीटें जीती थी, जबकि बीजेपी ने 40 और एचडी देवगौडा की जनता दल (सेक्यूलर) ने भी 40 सीटों पर कब्जा किया था। विधानसभा चुनावों में बीजेपी भले ही कुछ खास न कर पाई हो, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां की 28 सीटों में से 17 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 9 सीटें ही गई थी। कांग्रेस के पास जहां सिद्धारमैया जैसा चेहरा है, वहीं बीजेपी सिर्फ पीएम मोदी के ही भरोसे है। अगर चुनावों में बीजेपी को एचडी देवगौड़ा का साथ मिल गया तो राज्य में भारी उठापठक हो सकती है। देवगौड़ा के बीजेपी के साथ आने की उम्मीद भी इसलिए काफी ज्यादा है क्योंकि 2008 से 2013 तक देवगौड़ा की जेडीएस सत्ता में भागीदार रही है। देश के बड़े राज्यों में कर्नाटक ही अब बस कांग्रेस के पास है, लिहाजा पीएम मोदी और अमित शाह से भी कांग्रेस को हटाना चाहते हैं और आज शाम की डिनर पार्टी में इस पर चर्चा हो सकती है।

दो राज्यों में फरवरी-मार्च में चुनाव

इन 8 राज्यो में से त्रिपुरा और मेघालय में फरवरी या मार्च में चुनाव हो सकते हैं।  त्रिपुरा ही एकमात्र राज्य है, जहां कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है और माणिक सरकार यहां पिछले 3 बार से मुख्यमंत्री रहे हैं। फिलहाल उन्हें किसी भी तरह की चुनौती मिलना काफी मुश्किल है। हालांकि अमित शाह यहां पर कई बार दौरे कर चुके हैं। वहीं मेघालय में भी फरवरी-मार्च में ही चुनाव हो सकते हैं और यहां पर कांग्रेस की सरकार है। चुनावों से पहले कांग्रेस को थोड़ा झटका लगा है और पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं। इससे कांग्रेस कमजोर पड़ी है और कहीं न कहीं इसके पीछे भी अमित शाह की रणनीति को माना जा रहा है। 

Created On :   11 Jan 2018 5:47 AM GMT

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