दिल्ली : खतरे में 30 हजार लोगों की जान, क्या करेगी सरकार ?

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दिल्ली : खतरे में 30 हजार लोगों की जान, क्या करेगी सरकार ?
दिल्ली : खतरे में 30 हजार लोगों की जान, क्या करेगी सरकार ?

डिडिटल डेस्क,नई दिल्ली।  दिल्ली में प्रदूषण के हालात काबू से बाहर हो गए हैं। वजह है, स्मॉग, धुंध और सड़कों पर जीरो विजिबिलिटी। लोगों की जान पर बन आई है। स्मॉग के कारण हुए सड़के हादसे में 24 घंटे में 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30,000 लोगों की जान खतरे में है। दिल्ली में अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। हालात देखते हुए बुधवार को दिल्ली सरकार ने आपात बठक बुलाई और कई निर्देश जारी किए गए। जैसे स्कूलों की छुट्टी, डीएमआरसी को मेट्रो और परिवहन विभाग को डीटीसी की बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का आदेश, साथ ही ट्रकों की एन्ट्री पर भी दिशा निर्देश जारी किए गए, लेकिन फिर भी हालत जस के तस हैं। एक बार फिर गुरुवार को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में ऑड-इवन पर फैसला लिया जाएगा। 

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गौरतलब है, जब 2015 में हालात इसी तरह काबू से बाहर हुए थे तब ऑड-इवन फॉर्मूला लागू किया गया था। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए एलजी ने इसे दोबारा से लागू करने को कहा है और आज बुलाई बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा राजधानी के स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों और सरकार के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए हैं।

दिल्ली में तापमान 14 डिग्री सेल्सियस था जो मौसम के अनुसार सामान्य था। राजधानी में अभी सर्दियां शुरू भी नहीं हुई हैं लेकिन धुंध ने पैर पसार लिए हैं। ये धुंध की चादर ठंड की नहीं बल्कि प्रदूषण की है। बुधवार को विजिबिलिटी 300 मीटर रही। दिल्ली सरकार ने स्मॉग के मद्देनजर सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, कॉलेजों को रविवार तक बंद रखने का आदेश दिया है। दिल्ली-एनसीआर में NGT ने निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। 

आपको बता दें, धुंध की वजह से गुरुवार को 41 ट्रेनें देरी से दिल्ली पहुंची। साथ ही 9 ट्रेनों का समय बदल दिया गया है और 10 ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं। वहीं दिल्ली के इलाकों में हवा में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ गया हैं। पंजाबी बाघ 799, द्वारका 388, शादिपुर 362, आनंद विहार 515 में वायु गुणवत्ता का स्तर गिर गया है।

एक सांस में 22 सिगरेट का धुआं पी रहे लोग

राजधानी की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि एक इंसान, एक सांस में 22 सिगरेट जितना धुंआ पी रहा है। दिल्ली सरकार ने लोगों को घरों में रहने की एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही बाहर निकलने वालों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की अपील की है।

बढ़े सांस के मरीज

एयर पॉल्यूशन की वजह से सांस लेने की समस्या बढ़ गई है और अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, अस्थमा के मरीजों और सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सस्ट्रक्टिव पल्मोनरी ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज), हृदय रोग और स्ट्रोक, मधुमेह रोगियों और खराब इम्यूनिटी वाले मरीजों पर एन-95 के उपयोग की एडवाइजरी जारी की है। सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में उपचार बिल्कुल मुफ्त करने के भी निर्देश दिए जा चुके हैं। 

खुद कैसे बचें?

-दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सलाहकारों ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी है। 
-साथ ही धूम्रपान ना करने के भी निर्देश जारी किए गए है।
-मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह भी दी गई है। 
-अगर आपको गले और नाक में जलन होती है,तो नमक के पानी को गर्म कर भाप लें। बहुत गर्म पानी पीएं और अच्छा हाइड्रेशन बनाए रखें।
-आप किसी भी समय श्वास या दम महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत निकटतम चिकित्सा सुविधा पर जायें। धूम्रपान न करें, क्योंकि यह न केवल आपको बल्कि अन्य लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है।

पराली जलाने से बढ़ी धुंध

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पंजाब और हरियाणा में किसान लगातार पराली जला रहे हैं, जिसका धुंआ दिल्ली तक आ रहा है और ये धुआं आसमान में जाकर ठहर गया है। इस धुएं का संपर्क नमी से हो रहा जिससे जहरीली गैस बन रही है और दिल्ली-एनसीआर गैस का चैंबर बन रहा है। जहरीली हवा फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है।

NGT ने पराली जलाने पर रोक लगा रखी है, बावजूद इसके किसान रुक नहीं रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों राज्य के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए बैठक करने की मांग की है।
 

Created On :   9 Nov 2017 6:21 AM GMT

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