झारखण्ड से लाई गई 12 साल की नाबालिग से करा रहे थे घरेलू काम, बैंक अधिकारी पर FIR

Police registered FIR against bank manager in child labor case
झारखण्ड से लाई गई 12 साल की नाबालिग से करा रहे थे घरेलू काम, बैंक अधिकारी पर FIR
झारखण्ड से लाई गई 12 साल की नाबालिग से करा रहे थे घरेलू काम, बैंक अधिकारी पर FIR

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जिन हाथों में किताब और कलम होनी चाहिए, उन नन्हें हाथों से घर की सफाई और खाना पकाने का कार्य कराया जाना कितना बड़ा अपराध होगा, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। ऐसा ही एक वाकया शहर के गोरखपुर क्षेत्र में सामने आया है, जब चाईल्ड लाईन को एक बैंक अधिकारी के घर पर एक बच्ची को बाल श्रमिक के रुप में रखे होने की शिकायत मिली। इसके बाद जिला प्रशासन, श्रम विभाग, पुलिस और बाल श्रमिक कल्याण समिति के सदस्यों के एक दल ने मौके पर पहुंचकर नाबालिग लड़की को बैंक अधिकारी के घर से लाकर राजकुमारी बाई बाल निकेतन में रुकवाया।

समिति की सदस्य मेघा पवार ने एक लिखित शिकायत 6 जुलाई को गोरखपुर थाने को देकर बाल अपराध के तहत आरोपी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग की। शिकायत में कहा गया कि गोरखपुर जॉनसन कम्पाउण्ड निवासी अगस्टिन डुन्ग डुन्ग नामक बैंक मैनेजर के यहां एक 12 साल की बच्ची से घरेलू कार्य करवाया जाता है। बच्ची से बातचीत की गई तो पता चला कि वह झारखण्ड की रहने वाली है। बच्ची ने बताया कि उससे दिन भर घर के सारे काम करवाए जाते थे। उसे न तो स्कूल जाने दिया जाता था और न ही कहीं बाहर खेलने। उसने समिति सदस्यों को बताया कि शारीरिक रुप से भी प्रताड़ित किया जाता था। मामले में विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ शिकायत शुक्रवार को दर्ज करवाई गई है।

बच्ची को लेने आई मां
इस बीच बच्ची के परिजनों का पता लगाकर उन्हें सूचित किया गया और नाबालिग को ले जाने के लिए कहा गया। पहले बच्ची का पिता उसे लेने आया, लेकिन शारीरिक स्थिति सही नहीं होने पर बच्ची को उनके हवाले नहीं किया गया। इसके बाद गत दिवस बच्ची की मां उसे लेने आई, जिनके मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद बच्ची को उनके सुपुर्द किया गया है। पड़ताल में यह बात सामने आई है कि, बच्ची को इस शर्त के साथ यहां भेजा गया था कि उसे हर माह 4 से 6 हजार रुपए का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही उसे बाकी की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसपर बच्ची ने समिति सदस्यों को बताया कि उसे कोई वेतन नहीं दिया जाता था।

अभिभावकों के सुपुर्द किया
बच्ची के परिजनों को सूचित किया गया था। इसके बाद उसकी मां जबलपुर आईं, जिन्हें सोमवार को बच्ची की सुपुर्दगी दी गई है। इसके अलावा मां के बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष भी दर्ज करवाए गए हैं।
डॉ मनीष पाण्डे, अध्यक्ष, बाल श्रमिक कल्याण समिति

 

 

Created On :   10 July 2018 8:16 AM GMT

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