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दूसरी और तीसरी बार शादी करने वालों की संख्या बढ़ी, रजिस्ट्रेशन से सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बदलाव की बयार ने विवाह को भी अछूता नहीं छोड़ा है। पसंदगी-नापसंदगी के बीच ‘नए रिश्तों’ को तरजीह दी जाने लगी है। आंकड़े बता रहे हैं कि देश के साथ-साथ नागपुर में भी तलाक और दूसरी शादी के मामलों में वृद्धि दर्ज हुई है। शादी के लिए वेबसाइट चलाने वाले और सामूहिक विवाह कराने वाली संस्थाओं की मानें तो पंजीकरण कराने वालों में 20-25 फीसदी ऐसे होते हैं, जो दूसरी बार शादी करना चाहते हैं और 2 से 3 फीसदी तीसरी बार शादी करने के लिए पंजीकरण करवाते हैं। यहां तक कि शहर में दूसरी शादी के लिए विशेष रूप से मेट्रीमोनियल साइट भी चल रही है।
दूसरी शादी के लिए अलग से श्रेणी
दूसरी शादी के मामलों में लगातार वृद्धि के कारण मेट्रीमोनियल से लेकर विभिन्न समाजों के युवक-युवती परिचय सम्मेलन में इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाने लगी है। नागपुर में दूसरी शादी के लिए विशेष रूप से चल रहे मेट्रीमोनियल साइट पर निबंधित युवाओं की संख्या सैकड़ों में है।
सामाजिक बदलाव से टूटी झिझक
पहली शादी के टूटने के चार साल बाद दूसरी शादी करने वाली वनिता (बदला हुआ नाम) का कहना है कि समाज में आए बदलाव से दूसरी शादी को लेकर झिझक कम हो रही है। कुछ समय पहले तक लड़कों की भले ही दूसरी शादी हो जाए पर लड़कियों की शादी में मुश्किलें आती थीं, लेकिन अब समय बदल रहा है।
गलती सुधारने में भलाई
गुप्ता दंपति के बेटे विनायक की शादी छह माह बाद ही टूट गई। अब परिवार उसकी दूसरी शादी की तैयारी में जुटा है। उनके अनुसार अगर कोई गलत फैसला हो गया हो, तो उसे सुधार लेने में ही भलाई है। दूसरी शादी में कोई बुराई नहीं है। समाज बदल रहा है।
बढ़ रहे हैं तलाक के मामले
अक्टूबर 2018 में दाखिल एक आरटीआई के अनुसार शहर में प्रतिदिन तीन तलाक हो रहे हैं। जनवरी 2014 से जुलाई 2018 तक शहर के पारिवारिक अदालत में कुल 17620 मामले निबंधित हुए थे। इनमें से 5859 मामलों में जोड़े को तलाक मिल गया।
एक्सट्रा जानकारी
भारत में लगभग 14 लाख लोग तलाकशुदा हैं, जो कि कुल आबादी का करीब 0.11% है और शादीशुदा आबादी का 0.24% हिस्सा है। यानी इतनी आबादी है जो दूसरी शादी के बारे में सोच रही है।
Created On :   11 Feb 2019 8:21 AM GMT