छिंदवाड़ा में लघु वनोपज मंडी खुलने की संभावना, नीमच के बाद होगी प्रदेश की दूसरी मंडी

Possibility of opening the small forest market in Chhindwara
छिंदवाड़ा में लघु वनोपज मंडी खुलने की संभावना, नीमच के बाद होगी प्रदेश की दूसरी मंडी
छिंदवाड़ा में लघु वनोपज मंडी खुलने की संभावना, नीमच के बाद होगी प्रदेश की दूसरी मंडी

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले में लघु वनोपज खोले जाने की संभावना तलाशने नेशनल मेडीशनल प्लांट्स बोर्ड की टीम छिंदवाड़ा पहुंची है। यह टीम पिछले तीन दिनों से छिंदवाड़ा वनवृत्त के अंतर्गत कहां कितना वनोपज का उत्पादन होता है और किस दाम में बाजार में बेचा जाता है, इसकी जानकारी एकत्र कर रही है। इसके साथ टीम वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके इसके लिए लघु वनोपज मंडी खोले जाने के लिए भी जगह की तलाश कर रही है। 

टीम के सदस्य गुरुवार को कृषि उपज मंडी भी पहुंचे जहां उन्होंने आने वाला वनोपज का डाटा एकत्र किया। इस पूरी जानकारी के बाद यह टीम सेन्ट्रल और स्टेट गव्र्हमेंट को अपना प्रतिवेदन सौंपेगी, जिसमें सब कुछ ठीक रहता है तो जल्द ही छिंदवाड़ा में लघु वनोपज मंडी खुल सकेगी। इसके पहले प्रदेश के नीमच में लघुवनोपज मंडी खोली गई है। पिछले तीन दिनों में टीम ने तामिया, बटकाखापा, अमरवाड़ा, हर्रई और आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण किया है। जहां पर इन क्षेत्रों में कितना वनोपज का उत्पादन होता है, किस प्रकार से बेचा जाता है और इन वनोपज का उपयोग औषधियों में किस प्रकार किया जा सकता है इसके डाटा एकत्र किया है। इस टीम में श्री भारद्वाज के अलावा एक अन्य सदस्य भी है। 

कृषि उपज मंडी पहुंची टीम 
सेन्ट्रल से आई टीम ने गुरुवार को कुसमैली स्थित कृषि उपज मंडी का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने वनोपज किस समय कितनी आती है और इनका कितना दाम मिलता है, इसका डाटा एकत्र किया। यहां टीम ने लंबा समय बिताया और कृषि उपज मंडी में अब तक आने वाली आवक की जानकारी अपने साथ ले गए हैं। 

यह होगा फायदा 
अब तक छिंदवाड़ा वनवृत्त में उत्पादित वनोपज को बेचने के लिए बिचौलियों के हाथों से होकर गुजरना होता है। ऐसे में वनोपज को एकत्र करने वाले लोगों को औन-पौने दाम ही मिल पाते हैं, जबकि सीधी बिक्री में इनका दाम कई गुना हो जाता है। सेन्ट्रल से आई टीम का मुख्य उद्देश्य वनोपज को एकत्र करने वाले सही लोगों को शासन की ओर से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना है। छिंदवाड़ा वनवृत्त में तकरीबन 35 वनोपज उत्पादित होता है। 

इनका कहना है 
मेडीशनल प्लांटेशनल बोर्ड दिल्ली की दो सदस्यीय टीम छिंदवाड़ा आई है। लघु वनोपज का उत्पादन कितना होता है, भविष्य में इनसे किस प्रकार उपयेाग किया जा सकता है। इसकी संभावनाएं तलाश की जा रही है। टीम निरीक्षण करने के बाद मीनीमम सपोर्ट प्राइज के लिए प्रतिवेदन केन्द्र और राज्य सरकार को सौंपेगी। 
एस.एस.उद्दे, डीएफओ 

कृषि उपज मंडी में टीम आई थी जिन्होंने अब तक मंडी में आने वाली लघु वनोपज की आवक कब और कितनी है इसका डाटा को एकत्र किया है। 
के.एल.कुलमी, सचिव कृषि उपज मंडी 

Created On :   14 Sep 2018 8:41 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story