मध्य प्रदेश : छात्र आंदोलन के कारण NLIU में डायरेक्टर का पद समाप्त

post of NLIU Director is over due to students protest in bhopal mp
मध्य प्रदेश : छात्र आंदोलन के कारण NLIU में डायरेक्टर का पद समाप्त
मध्य प्रदेश : छात्र आंदोलन के कारण NLIU में डायरेक्टर का पद समाप्त

डिजिटल डेस्क, भोपाल। छात्र आंदोलन के कारण भोपाल के नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी- एनएलआईयू में डायरेक्टर का पद समाप्त हो गया है। यह स्थिति बनी है राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा मप्र राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय विधेयक को अपने हस्ताक्षर से मंजूर करने के कारण। अब यह विधेयक कानून के रुप में स्थापित हो गया है तथा इसमें डायरेक्टर का पद नहीं रखा गया है। इसके अलावा अब इस संस्थान में कुल सीटों में से पचास प्रतिशत सीटें मप्र के मूल निवासी युवाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

दरअसल तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार ने वर्ष 1997 में एक कानून राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय अधिनियम लाकर भोपाल में एनएलआईयू की स्थापना की थी। इस कानून में डायरेक्टर का पद सबसे शक्तिशाली था। पिछले कई सालों से इस संस्थान में अनियमितताएं सामने आ रही थीं। इसीलिए वर्तमान भाजपा सरकार ने उक्त कानून को खत्म कर नया कानून मप्र राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय अधिनियम 2018 बना दिया।

इस नए कानून के उद्देश्य में लिखा गया है कि वर्ष 2017 में कतिपय अनियमितताओं के विरुध्द छात्र आंदोलन की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल के कामकाज की समीक्षा करते समय यह महसूस किया गया था और वर्तमान संकट से निपटने और विधिक शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय को समर्थ बनाने के लिए एक सहमति बनी थी और 1997 के अधिनियम में कई संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं।

समस्त हितधारकों के हितों विचार करने के पश्चात बजाए इसके कि 1997 के पुराने अधिनियम में बड़ी संख्या में संशोधन किए जाएं, वर्तमान अधिनियम को नए अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित करने का विनिश्चय किया गया है।

पुराने कानून में संस्थान के अधिकारियों में निदेशक, विभागाध्यक्ष, कुलसचिव और ऐसे अधिकारी जैसा कि विनियमों द्वारा विहित किया जाए, शामिल थे। परन्तु नए कानून में कुलाधिपति, कुलपति, संकायों के संकायाध्यक्ष, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, छात्र कल्याण का संकायाध्यक्ष और अन्य विहित अधिकारी शामिल किए गए हैं।

अब प्रदेश में दो सरकारी विधि विवि
इस कानून के बनने से अब प्रदेश में दो सरकारी विधि विश्वविद्यालय हो गए हैं। पहला मप्र धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विवि जबलपुर तथा दूसरा मप्र राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल।

इनका कहना है
‘‘एनएलआईयू का पुराना कानून खत्म कर नया कानून बन गया है। यह उसी तरह है जिस प्रकार धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विवि कानून है।’’
- राजेश यादव, अपर सचिव, विधि विभाग, मप्र

Created On :   20 Sep 2018 12:28 PM GMT

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