यूनिवर्सिटी को हाईटेक बनाने की तैयारी, होंगे तकनीकी कामकाज, शीघ्र लांच होगा एप

Preparations will be made to make the university a high-tech, technical work will be launched soon
यूनिवर्सिटी को हाईटेक बनाने की तैयारी, होंगे तकनीकी कामकाज, शीघ्र लांच होगा एप
यूनिवर्सिटी को हाईटेक बनाने की तैयारी, होंगे तकनीकी कामकाज, शीघ्र लांच होगा एप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों को परीक्षा, पाठ्यक्रम और रिजल्ट से जुड़ी जानकारी देने के लिए जल्द ही एक एप लांच करने जा रहा है। विश्वविद्यालय ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इसका प्रयास किया था, लेकिन डेमो के बाद से ही यह काम ठंडे बस्ते में चला गया था, लेकिन हाल ही में यूनिवर्सिटी का तकनीकी कामकाज चलाने वाली प्रोमार्क कंपनी ने परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रफुल साबले को डेमो दिया, अब  यूनिवर्सिटी इसे विद्यार्थियों के लिए शुरु करने पर विचार कर रहा है। यह एक मोबाइल एप होगा, जिसमें विद्यार्थियों को यूजर आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा।

विद्यार्थियों को परीक्षा की तारीख, फॉर्म भरने की तारीख, फीस, बैकलॉग, रिजल्ट, पिछले वर्ष के प्रश्नपत्र जैसी तमाम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि, इसी एप के साथ अपनी पीएचडी प्रक्रिया के काम-काज को भी यूनिवर्सिटी एक सॉफ्टवेयर की मदद से सुगम बनाने की तैयारी कर रहा है। यह सॉफ्टवेयर दो हिस्सों में काम करेगा। पहला आवेदन से पीएचडी रजिस्ट्रेशन तक का होगा। दूसरे पार्ट में पीएचडी थीसिस जमा करने से लेकर पीएचडी अवार्ड होने तक की प्रक्रिया शामिल होगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. साबले के अनुसार तकनीक के उपयोग से काम-काज की जटिलता को सरल बनाने की दिशा में यूनिवर्सिटी काम कर रहा है। 

सीनेट में सामने आया था उदासीन रवैया
बीते दिनों  हुई सीनेट की बैठक में डिजिटाइजेशन के प्रति उदासीन रवैया सामने आया। डिजिटाइजेशन को नहीं अपनाने के कारण विद्यार्थियों को हाेने वाली परेशानी पर भी खुल कर चर्चा हुई। सीनेट सदस्यों ने मुद्दा उठाया था कि, राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों ने डिजिटाइजेशन को अपनाते हुए विद्यार्थियों से सभी प्रकार के फॉर्म, आवेदन और उनकी फीस ऑनलाइन स्वीकार करना शुरू कर दिया है, लेकिन नागपुर विश्वविद्यालय में ऐसा कोई प्रबंध नहीं है।

मौजूदा प्रणाली के अनुसार यूनिवर्सिटी के हर विद्यार्थी को खुद परीक्षा भवन में पहुंच कर या फिर किसी दोस्त या रिश्तेदार को भेज कर आवेदन और फीस भरनी होती है। नागपुर में रहने वाले विद्यार्थी तो परीक्षा भवन पहुंचकर यह कार्रवाई पूरी कर सकते हैं, लेकिन नागपुर के बाहर के विद्यार्थियों को इतने से काम के लिए नागपुर आना पड़ता है। दशकों पुराने नागपुर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को मामूली सूचना प्राप्त करने के लिए भी जद्दोजेहद करनी पड़ती है। एडमिशन, परीक्षा, प्लेसमेंट या दस्तावेज तैयार करने के लिए क्या करना है, कहां जाना है, किससे संपर्क करना है? यह जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई तंत्र नहीं है। जिसके बाद विवि अब आईटी रिफॉर्म की ओर कदम बढ़ा रहा है। 

Created On :   18 Nov 2019 7:53 AM GMT

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