राष्ट्रपति कोविंद ने मानद उपाधि लेने से किया इनकार, बोले- मैं इसके काबिल नहीं 

President Ramnath Kovind denies to accept Doctorate degree
राष्ट्रपति कोविंद ने मानद उपाधि लेने से किया इनकार, बोले- मैं इसके काबिल नहीं 
राष्ट्रपति कोविंद ने मानद उपाधि लेने से किया इनकार, बोले- मैं इसके काबिल नहीं 

डिजिटल डेस्क, सोलन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नौणी विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही मानद उपाधि लेने से इनकार कर दिया है। राष्ट्रपति ने मानद उपाधि को ठुकराने का कारण बताया है कि वे इस उपाधि को लेने के काबिल नहीं हैं। विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में पहुंचे कोविंद ने डिग्री लेने से माना करते हुए कहा कि, "मैं आपकी भावनाओं की कद्र करता हूं लेकिन मैं इस उपाधि को लेने के काबिल नहीं हूं।"

बता दें राष्ट्रपति हिमाचल के चार दिन के दौरे पर हैं और वे सोमवार को सोलन जिले की बागवानी यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। इस दौरान राष्ट्रपति ने मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। जिसके बाद राष्ट्रपति को विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा मानद उपाधि देने की पेशकश की गई जिसे राष्ट्रपति ने ठुकरा दिया। बता दें कोविंद को विश्वविद्यालय की तरफ से डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि देने की पेशकश की गई थी।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे राज्यपाल और मुख्यमंत्री 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान डॉ. वाई.एस.परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 9वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस दौरान हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी उपस्थित रहे। राष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, "डॉक्टर यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय को एशिया का पहला हार्टिकल्चर विश्विवद्यालय होने का सम्मान प्राप्त है।

बीते तीन दशकों के दौरान राज्य में हार्टिकल्चर और फारेस्ट्री के विकास में इस विश्विद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जो सराहनाय योग्य है।" राष्ट्रपति ने कहा, "हिमाचल प्रदेश का मुख्य व्यवसाय कृषि है जिससे राज्य की लगभग 70% काम काजी आबादी को रोजगार मिलता है।" इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वेश्रेष्ठ 100 विश्वविद्यालयों की सूची में जगह पाने के लिए विश्वविद्यालय को बधाई भी दी। 

Created On :   21 May 2018 3:00 PM GMT

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