जेल से स्कूल जाने वाली पहली बच्ची है प्रीति, अब परिजनों के बीच रहेगी

Priti, the first child to go to school from jail, will now leave with family
जेल से स्कूल जाने वाली पहली बच्ची है प्रीति, अब परिजनों के बीच रहेगी
जेल से स्कूल जाने वाली पहली बच्ची है प्रीति, अब परिजनों के बीच रहेगी

डिजिटल डेस्क, रीवा। पिछले तीन वर्षों से केन्द्रीय जेल में रह रही प्रीति केवट भी अब जल्द अपने परिजनों के साथ घर में रहेगी। 6 साल की आयु होते ही जेल प्रशासन ने प्रीति को उसके परिजनों को सौंपने की तैयारी शुरू कर दी है। एक माह के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी बच्चे को उसके परिजनों को सौंपा जा रहा है। गौरतलब है कि सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील में रहने वाले केवट दम्पत्ति को धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा काटने केन्द्रीय जेल रीवा भेजा गया था। तीन वर्ष पूर्व पति-पत्नी जब केन्द्रीय जेल रीवा आए तब उनके साथ में उनकी बच्ची प्रीति भी थी। उस समय प्रीति की उम्र महज तीन साल थी। तीन वर्षों तक प्रीति अपनी मां के साथ महिला बैरक में रही। अब उसकी उम्र 6 साल हो चुकी है। जिसकी वजह से जेल प्रशासन के लिए प्रीति को केन्द्रीय जेल मे रख पाना संभव नहीं है। इसी वजह से जेल प्रशासन ने प्रीति को उसके घर परिजनों के पास भेजने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसके लिए जेल प्रशासन ने कलेक्टर सिंगरौली के अलावा सिंगरौली के बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन को भी पत्र लिखा है।

चाइल्ड लाइन की टीम कर रही तैयारी
सूत्रों के मुताबिक सिंगरौली जिले की चाइल्ड लाइन की टीम कुछ दिनों में प्रीति के चितरंगी स्थित घर जाकर उनके परिजनों से प्रीति को साथ रखने की सहमति लेगी। सहमति मिलने के बाद इससे संबंधित कलेक्टर को अवगत कराया जाएगा। पूरे प्रकरण के अध्ययन के बाद कलेक्टर प्रीति को उसके घर भेजने की अनुमति जेल प्रशासन को देगा। माना जा रहा है कि इस समूची प्रक्रिया में लगभग एक से डेढ़ माह का समय लग जाएगा। केन्द्रीय जेल में सजा काट रही प्रीति की मां ने इसके लिए सहमति दे दी है। उसका कहना है कि परिवार के लोग यदि प्रीति को साथ रखने को तैयार नहीं होते हंै तो उसे किसी शासकीय संस्था में दाखिल करा दिया जाय। हालांकि चितरंगी में प्रीति के घर उसका भाई भी रहता है जिससे माना जा रहा है कि परिजन प्रीति को घर में रखने सहमति पत्र दे देंगे। इस संबंध में केन्द्रीय जेल के वरिष्ठ कल्याण अधिकारी डीके सारस का कहना है कि प्रीति को उसके घर भेजने कार्यवाही शुरू कर दी गई है। यह कार्यवाही प्रीति की मां से सहमति लेने की बात की गई। उन्होंने कहा कि प्रीति को घर भेजने की समूची औपचारिकता पूरी होने के बाद सिंगरौली कलेक्टर द्वारा अंतिम निर्देश जारी किए जाएंगे।

जेल से स्कूल जाने वाली पहली बच्ची बनी प्रीति
केन्द्रीय जेल में अपनी मां के साथ रह रही प्रीति ऐसी बच्ची रही जो जेल में रहने के साथ जेल के बाहर पढऩे के लिए स्कूल गई। जेल प्रशासन ने प्रीति को पिछले दो वर्ष जेल के समीप स्थित निजी स्कूलों में दाखिल कराया। जेल से स्कूल तक जाने और आने के लिए एक महिला प्रहरी को नियुक्त किया गया। पठन-पाठन सामग्री के अलावा प्रीति के लिए अन्य सभी व्यवस्थाएं केन्द्रीय जेल प्रशासन द्वारा पूरी की गई।

 

Created On :   1 May 2018 12:42 PM GMT

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