एस्ट्रोनॉमी में निजी कंपनियां बन सकती हैं की-प्लेयर- विलियम्स

Private companies can become astronomy key player said by sunita williams
एस्ट्रोनॉमी में निजी कंपनियां बन सकती हैं की-प्लेयर- विलियम्स
एस्ट्रोनॉमी में निजी कंपनियां बन सकती हैं की-प्लेयर- विलियम्स

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) के क्षेत्र में नित नई प्रगति हो रही है। इस दिशा में विविध देशों की सरकारी इकाइयों के अलावा निजी कंपनियों के पास भी भरपूर क्षमता है कि वे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। इसके लिए विविध देशों की सरकारों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निजी कंपनियों के लिए द्वारा खोलने और प्रेरक नीतियां निर्धारित करने की जरूरत है। अंतरिक्ष यात्री और नासा वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स ने  शहर के विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों के साथ संवाद साधते वक्त यह विचार रखे। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नासा के कैलिफोर्निया सेंटर में बैठक कर नागपुर के विद्यार्थियों से संवाद साधीं। वीएनआईटी के एक्सिस नामक वार्षिक उत्सव के तहत यह उपक्रम आयोजित किया गया था।

सैटेलाइट भेजने की लागत कम होनी चाहिए

विलियम्स ने कहा कि मौजूदा समय में नासा का ध्येय अंतरिक्ष में यान और सैटेलाइट भेजने में लगने वाली लागत को कम करना है। सस्ते ईंधन और प्रभावी तकनीक के गठजोड़ के जरिए इसे साकार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में बोइंग और स्पेस एक्स जैसी निजी कंपनियां पहले से काम कर रही हैं। उन्हें और अधिक बढ़ावा देने और अन्य निजी कंपनियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने एस्ट्रोलॉजी में रुचि लेने वाले विद्यार्थियों को टिप्स देते हुए कहा कि अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए शरीर का तंदुरुस्त होना जरूरी है, क्योंकि अंतरिक्ष में बोन डेंसिटी बहुत कम हो जाती है। ऐसे में उन्होंने विद्यार्थियों को शारीरिक फिटनेस पर जोर देने को कहा। सुनीता विलियम्स ने इस मौके पर स्टूडेंट्स को एस्ट्रोलाजी से जुड़ी विभिन्न बातों पर मार्गदर्शन करते हुए इससे विकास की ओर अग्रसर होने की आह्वान किया।  इस दौरान संस्थान के विविध िवभागों के 300 के करीब विद्यार्थी मौजूद थे। साथ ही शिक्षकों व कर्मचारियों की भी उपस्थिति थी। 

Created On :   12 Feb 2019 9:44 AM GMT

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