आधार कार्ड न देने पर भी निजी जानकारी पर निगरानी संभव : बांबे हाईकोर्ट

Private information can be monitored even if no Aadhar card is given - HC
आधार कार्ड न देने पर भी निजी जानकारी पर निगरानी संभव : बांबे हाईकोर्ट
आधार कार्ड न देने पर भी निजी जानकारी पर निगरानी संभव : बांबे हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड न देने का बाद भी निजी जानकारी पर निगरानी रखी जा सकती है। लोगों से क्रेडिट कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने पर  पर भी उनकी जानकारी मांगी जाती है। यह जानकारी विमान यात्रा के लिए खरीदे जानेवाले टिकट के लिए भी ली जाती है। हाईकोर्ट ने यह बात 25 लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में उन्होंने कहा है कि यदि वे अपना आयकर भरने के लिए अपने आधारकार्ड जोड़ेगे तो उनकी सारी नीजी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी। इसलिए बगैर आधारकार्ड के केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड को उनका आयकर रिटर्न स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए। क्योंकि हमारे पास आधारकार्ड नहीं है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने इन याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत दी थी और मामले की सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी थी। 

गूगल को मेरे बारे में मुझसे ज्यादा जानकारी 

याचिकाकर्ताओं की जानकारी सार्वजनिक होने की  आशंका पर न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी की खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई आधारकार्ड नहीं देता है तो भी उसकी निजी जानकारी पर निगरानी रखी जा सकती है। आधारकार्ड न देने पर भी निगरानी की अवधारणा का अस्तित्व कायम रहता है। क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस व क्रेडिट कार्ड के लिए भी आवेदन पर निजी जानकारी मांगी जाती है। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि जितनी जानकारी मुझे मेरे बारे में नहीं है उससे अधिक गूगल को मेरे बारे में जानकारी है। अब सबकुछ आसानी से उपलब्ध है। खंडपीठ ने कहा कि आयकर रिटर्न फाइल करते समय आधार क्रमांक न देने की बात को लेकर हमे कुछ भी न्यायसंगत नजर नहीं आ रहा है। 

गांधीजी ने नहीं दायर की आजादी के  लिए कोई याचिका

इस दौरान एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि कानून के तहत आयकर भरते समय आधारक्रमांक देना जरुरी किया गया है। याचिका में इस कानून को चुनौती नहीं दी गई है। इसलिए कानून का पालन होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी आयकर रिटर्न भरते समय आधार क्रमांक न देने के नियम पर रोक नहीं लगाई है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिहीर देसाई ने कहा कि आधार कार्ड के जरिए हर निजी जानकारी सेंट्रालाइज कर दी जाएगी। ऐसे में इसके लीक होने की काफी संभवाना है। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस दौरान खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि राष्ट्रपिता महात्मागांधी ने आजादी के लिए कोई जनहित याचिका कोर्ट में नहीं दायर की थी।
 

Created On :   20 Aug 2018 4:16 PM GMT

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