सामने आया पाक का चेहरा, आर्मी चीफ बाजवा के साथ दिखा प्रो-खालिस्तान लीडर गोपाल चावला

Pro-Khalistan leader Gopal Chawla spotted with Pakistan army chief Bajwa
सामने आया पाक का चेहरा, आर्मी चीफ बाजवा के साथ दिखा प्रो-खालिस्तान लीडर गोपाल चावला
सामने आया पाक का चेहरा, आर्मी चीफ बाजवा के साथ दिखा प्रो-खालिस्तान लीडर गोपाल चावला
हाईलाइट
  • इस कार्यक्रम में आतंकी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला भी शामिल हुआ।
  • गोपाल सिंह के कार्यक्रम में शामिल होने पर विवाद खड़ा हो गया है।
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। मुंह में दोस्ती और बगल में आतंकवादी। शायद यही पाकिस्तान की चाल, चेहरा और चरित्र है। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने मंच से भारत के साथ अमन और शांति की अपनी बात रखी। लेकिन वहीं दूसरी ओर इस कार्यक्रम में आतंकी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और खालिस्तान समर्थक गोपाल चावला भी शामिल हुआ। गोपाल चावला पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर बाजवा से हाथ मिलाता हुआ भी नजर आया। भारत के विरोध में खालिस्तान मुवमेंट चलाने वाले गोपाल सिंह के कार्यक्रम में शामिल होने पर अब विवाद खड़ा हो गया है।

भारत के सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सरकार ने साफ कहा है कि इस कार्यक्रम को अलग नजर से देखना चाहिए और इसे किसी और मामले से नहीं जोड़ना चाहिए। ये बात सब जानते हैं कि पाकिस्तान की धरती से प्रायोजित होने वाले आतंकवाद की वहां की खुफिया एजेंसी का समर्थन है। बता दें कि गोपाल सिंह चावला पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक केमेटी का महासचिव है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि चावला आतंकी हाफिज सईद और आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। कुछ महीनों पहले चावला और हाफिज सईद की मुलाकात की एक तस्वीर भी जांच एजेंसियों के हाथ लगी थी।

बता दें कि 26 नवंबर को भारत में करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया गया था। जिसके बाद बुधवार को पाकिस्तान ने भी कॉरिडोर का शिलान्यास किया। पाकिस्तान के न्योते पर इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, हरदीप पुरी और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए। करतापुर साहिब गुरुद्वारे को पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी। उन्होंने यहां से लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। यह स्थल पाकिस्तान में भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है और अभी पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक बार्डर आउटपोस्ट से दूरबीन से भारतीय श्रद्धालु इस गुरुद्वारे के दर्शन करते हैं।

 

Created On :   28 Nov 2018 4:33 PM GMT

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