चुटका परमाणु बिजली घर को जलावंटन की शर्तों से मिलेगी छूट

proposed nuclear power house of Mandla MP will be exempted from conditions of water distribution
चुटका परमाणु बिजली घर को जलावंटन की शर्तों से मिलेगी छूट
चुटका परमाणु बिजली घर को जलावंटन की शर्तों से मिलेगी छूट

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र के मण्डला जिले के ग्राम चुटका में प्रस्तावित परमाणु बिजली घर को जलावंटन की शर्तों से छूट मिलेगी। इसके लिये राज्य सरकार ने मप्र सिंचाई नियम 1974 में संशोधन किया है तथा यह संशोधन आगामी 19 अक्टूबर के बाद प्रभावशील हो जायेंगे ज्ञातव्य है कि भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन मण्डला जिले के चुटका ग्राम में 447 हैक्टेयर भूमि पर करीब सत्रह हजार करोड़ रुपयों की लागत से 1400 मेगावाट का परमाणु बिजली घर बनायेगा। इसके लिये 700-700 मेगावाट के दो रियेक्टर स्थापित किये जायेंगे। यह बिजली घर कान्हा नेशनल पार्क के पास है। इस परियोजना हेतु नर्मदा नदी के बरगी जलाशय से 3 लाख 92 हजार किलोलीटर जल प्रतिदिन की जरुरत है जिसमें इसकी टाउनशिप को एक हजार किलो लीटर जल प्रतिदिन नियत किया गया है। राज्य के जल संसाधन विभाग ने कारपोरेशन को 25 मई, 2016 को बरगी जलाशय से 78.84 मिलियन घनमीटर वार्षिक जलावंटन किया था और इसके लिये कारपोरेशन से 14 करोड़ 30 लाख रुपयों की सिक्युरिटी राशि जमा कराई थी। कारपोरेशन को बरगी जलाशय में अपने व्यय पर इन्टेक वेल बनाकर पानी लेना है। जब उससे अनुबंध करने की स्थिति सामने आई तो कारपोरेशन ने बताया कि उसे परियोजना पूरी करने में सौ माह से भी समय लगेगा जबकि जलसंसाधन विभाग के सिंचाई नियमों में इतनी अवधि तक छूट देने का प्रावधान नहीं था। इसीलिये अब इन नियमों में संशोधन किया गया है। परियोजना की 447 हैक्टेयर भूमि में से 382 हैक्टेयर पर बिजली घर तथा 65 हैक्टेयर में उसकी टाउनशिप बनेगी। 447 हैक्ैटेयर कुल भूमि में से 119 हैक्टेयर भूमि वन भूमि है। 

वर्तमान नियमों में जलावंटन की शर्तें हैं कि यदि औद्योगिक इकाई जलावंटन आदेश के जारी होने की तारीख से 48 माह के भीतर औद्योगिक उत्पादन प्रारंभ नहीं करती है तो उस औद्योगिक इकाई को आवंटित वार्षिक जल पर देय जल कर तथा उपकर के 5 प्रतिशत के समतुल्य जलकर का भुगतान करना होगा। यदि औद्योगिक इकाई 72 माह तक या उसके लिये प्राधिकृत तौर पर बढ़ाई गई अवधि में औद्योगिक उत्पादन प्रारंभ नहीं करती है तो जल आवंटन आदेश निरस्त समझा जायेगा और जमा की गई प्रतिभूमि रकम राजसात कर ली जायेगी। इसी प्रकार यदि औद्योगिक इकाई को भिन्न-भिन्न इकाईयों में औद्योगिक उत्पादन प्रारंभ करने के लिये भिन्न-भिन्न तारखें नियत करने का विकल्प होगा परन्तु दो ऐसी इकाईयों के मध्य उत्पादन प्रारंभ होने की अवधि में छह माह से अधिक अंतर नहीं होगा। यदि अंतर छह माह से अधिक है तो आवंटित वार्षिक जलमात्रा पर 90 प्रतिशतकी दर से जल कर एवं उप कर प्रभारित किया जायेगा। इन तीनों शर्तों से राज्य सरकार ने न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इण्डिया को उसके चुटका परमाणु बिजली घर के लिये छूट प्रदान की है तथा इसके लिये सिंचाई नियमों में संशोधन किया है।

दिग्विजय सिंह परियोजना निरस्त करने की कर चुके हैं मांग :

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जब नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे तब उन्होंने 22 फरवरी,2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह कहकर चुटका परमाणु परियोजना रद्द करने की मांग की थी कि इससे नर्मदा नदी की बायोडायवर्सिटी नष्ट हो जायेगी।

इनका कहना है :

‘‘हमने करीब डेढ़ साल पहले न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन को नर्मदा नदी से जलांवटन किया है। प्रदेश हित में जलावंटन की शर्तों से उन्हें मुक्त करने के लिये सिंचाई नियमों में संशोधन का प्रारुप जारी किया गया है जिन्हें आगामी 19 अक्टूबर के बाद प्रभावशील कर दिया जायेगा और कारपोरेशन से अनुबंध किया जायेगा। - भरत गोसावी, मुख्य अभियंता, बोधी, जल संसाधन, भोपाल

Created On :   23 Sep 2018 5:20 AM GMT

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