लंदन: खालिस्तान समर्थकों की रैली के विरोध में भारतीय मूल के लोगों ने किया प्रदर्शन
- खालिस्तानी समर्थकों ने 'जनमत संग्रह 2020' की मांग को लेकर लंदन में प्रदर्शन किया।
- भारतीय मूल के लोगों ने भी इसके विरोध में लंदन में प्रदर्शन किया।
डिजिटल डेस्क, लंदन। लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर सिख समुदाय के कुछ लोगों ने भारत से अलग होकर खालिस्तान देश बनाने की मांग को लेकर आज (रविवार) प्रदर्शन किया। इसके विरोध में भारतीय मूल के लोगों ने भी तिरंगा फहराकर इस मांग के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में से एक शख्स जो कि यूके की सरदार पटेल मेमोरियल सोसाइटी के पूर्व चेयरमैन रहे हैं, उनका कहना है, "हम ब्रिटेन में रह रहे हैं और ये लोग यहां रहकर भारत से खालिस्तान को अलग करने की मांग कर रहे हैं। यह सोच समझकर किया जा रहा है। पाकिस्तान की ISI और कनाडा के खालिस्तानियों के समर्थन से यूके में यह प्रदर्शन किया जा रहा है।"
We"re living in this country they are talking about free Khalistan in India. This has been organised in conjunction with,we believe,help of ISI in PakKhalistanis in Canada: Former Chairman of Sardar Patel Memorial Society UK on pro-Khalistan protest in UK by"Sikhs for Justice" pic.twitter.com/73yPjK9DB2
— ANI (@ANI) August 12, 2018
बता दें कि लंदन के मेयर (महापौर) सादिक खान ने खालिस्तानी समर्थकों को ट्राफलगर स्क्वायर पर प्रदर्शन करने की स्वीकृति दी थी, लेकिन इसके विरोध में 1 से 4 बजे तक एकत्रित होने के लिए दी गई भारतीय मूल के लोगों की याचिका को खारिज कर दिया। हालांकि इसके बाद भी लोगों ने यहां भारत के समर्थन में और खालिस्तानियों के विरोध में प्रदर्शन किया और तिरंगा फहराया।
UK: People of Indian origin, living in the United Kingdom, protest against Referendum 2020 in London. pic.twitter.com/GQCfvhe2AD
— ANI (@ANI) August 12, 2018
रविवार दोपहर 3 से 6 बजे तक ट्राफलगर स्क्वायर पर खालिस्तानी समर्थकों ने "जनमत संग्रह 2020" की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन लंदन में सिख फॉर जस्टिस के बैनर तले पंजाब को सिखों के लिए अलग देश बनाने की मांग के तहत किया गया। सिख फॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नम का कहना है कि रैली का मकसद लंदन डिक्लरेशन को संयुक्त राष्ट्र में रखना है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यूएन के सदस्य देशों को यह बताना भी है कि पंजाब का अस्तित्व स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में होना चाहिए। बता दें कि इसके विरोध में लंदन में रहने वाले मनोज खन्ना छह महीने से वी स्टैंड विथ इंडिया नाम का कैंपेन चला रहे हैं।
पंजाब के सीएम जता चुके हैं विरोध
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया था। ट्वीट में अमरिंदर ने कहा था कि सिख फॉर जस्टिस के संगठन के "जनमत संग्रह 2020" में किसी की भी रुचि नहीं है। यह रैली आईएसआई समर्थित मुट्ठीभर सिखों की कोशिश है। ब्रिटेन में रह रहे ये लोग विभाजन का हंगामा करके भारत और पंजाब में परेशानी पैदा करना चाहते हैं। अमरिंदर ने सिख फॉर जस्टिस के कार्यकर्ताओं पर जनमत संग्रह के नाम पर पैसा उगाही करने का आरोप भी लगाया था। कैप्टन ने कहा था कि पंजाब के लोगों में इस अभियान के प्रति बिल्कुल भी रुचि नहीं है। यहां के नागरिक विकास और शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे ऐसी रैली को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। वे पंजाब में किसी को भी दिक्कत पैदा नहीं करने देंगे। अमरिंदर ने कहा, "जो लोग सोचते हैं कि मेरे देश और राज्य में आकर शांति भंग करने में कामयाब हो जाएंगे, उन लोगों की धारणा बिल्कुल गलत है। अमरिंदर ने पुलिस को भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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Created On :   12 Aug 2018 6:29 AM GMT