20 जून को क्वीन विक्टोरिया बनीं थीं ब्रिटेन की पहली रानी, दो नौकरों से थे संबंध

Queen Victoria became Britains first queen on June 20
20 जून को क्वीन विक्टोरिया बनीं थीं ब्रिटेन की पहली रानी, दो नौकरों से थे संबंध
20 जून को क्वीन विक्टोरिया बनीं थीं ब्रिटेन की पहली रानी, दो नौकरों से थे संबंध

डिजिटल डेस्क। यूं तो दुनिया में कई देशों में राजाओं का राज रहा है। कई राजाओं और रानियों के किस्से भी रहें है। उनके ठाट-बाट की कहानियां भी आपने कई दफा सुनी होगी, लेकिन ब्रिटेन का राजघराना सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है। इसका एक कारण ये भी रहा कि जब सभी देश एक दूसरे से कोसों दूर थे तब भी ब्रिटेन ही एक मात्र ऐसा देश रहा है जिसने ज्यादातर देशों में कारोबार और फिर राज किया। ये देश जितना ताकतवर था उतना ही चालाक भी। एक तरफ तो ब्रिटेन के राजा दूसरे देशों पर हुक्म चलाया करते थे तो वहीं खुद इनके देश की कमान रानियों हाथ में हुआ करती थी। इस देश में लागू किया गया हर फरमान रानी का हुआ करता था। इस लिहाज से जैसे एक वक्त में पूरी दुनिया में ब्रिटेन का डंका बोला करता था, ठीक वैसे ही देश के अंदर का कंट्रोल पूरी तरह रानी के हाथ में होता रहा है। 20 जून को क्वीन विक्टोरिया ब्रिटेन की पहली रानी बनीं, जिन्होंने देश की कमान अकेले संभाली। इसके बाद ब्रिटेन में रानियों की शासन की शुरुआत हुई जो आज तक चल रही है। 

 

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क्‍वीन विक्टोरिया एक बहुत ही मशहूर रानी रहीं है, उन्होंने अपने स्वभाव, बुद्धि और सामर्थ्य के साथ अपना शासन किया था। उनके इन्हीं गुणों ने ब्रिटेन की प्रतिष्ठा बढ़ाई। ब्रिटिश किंगडम में अस्थिर स्तिथियों को भी उन्होंने बखूभी संभाला है। उनके शासन में उनके सामर्थ्य का इतना गहरा असर रहा कि उस युग का नाम ही विक्टोरियन युग पड़ गया। ब्रिटेन में समाजिक और राज्य संबधी बड़े बदलाव भी क्‍वीन विक्टोरिया के समय में हुए। 

 

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18 साल की उम्र में संभाली थी पिता की गद्दी

 

क्‍वीन विक्टोरिया का पूरा नाम अलेक्सेंड्रिना विक्टोरिया था और उनका जन्म 24 मई 1819 में केंसिंग्टन पैलेस लंदन में हुआ था। उनके पिता केंट और स्ट्रेथियर्न के ड्यूक, प्रिंस एडवर्ड और माता सैक्स सबुर्ग सालफेल्ड की प्रिंसेस विक्टोरिया थी। महारानी विक्टोरिया के पिता का देहांत तब ही हो गया था जब वो 8 महीने की थी इसीलिए वो 18 साल की उम्र में 20 जून 1837 को ही इंग्लैंड की रानी बन गई थी। जनता ने उनकी रानी का बहुत धूमधाम से स्वागत किया था। 

 

अपने राज्य की जिम्मेदारी को उन्होंने गंभीरतापूर्वक निभाया। अपने राज्य की हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान दिया। उनका कहना था की उन्हें राज्य के लिए काम करके बहुत सुख मिलता है। वो राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को अपना कर्त्तव्य मानती थी। वो राज्य के कार्यों में उनकी मां और मामा का हस्तक्षेप करना बिल्कुल पसंद नहीं करतीं थी। 

 

 

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सबसे लंबा रहा विक्टोरिया का शासन काल 

महारानी का विवाह 1840 में सैक्स कोबर्ग और गोथा के प्रिंस अल्बर्ट से हुआ था, उनके 9 बच्चे थे और उन सभी की शादी राज परिवारों में हुई है। 1861 में उनके पति की मृत्यु के बाद वो काफी समय तक राज्य के काम से दूर रहीं, जिसकी वजह से उन्हें अलोकप्रियता भी मिली। इसी वजह से उनका राज्य काल सबसे लंबा रहा। अंग्रेजों के इतिहास में, उनके किसी पूर्वज ने इतना लम्बे समय तक राज नहीं किया था।      
 

 

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1876 में दी गई भारत की महारानी की उपाधि 

क्‍वीन विक्टोरिया के शासन काल में अंग्रेजी हुकूमत बहुत दूर तक फैली हुई थी और उनके ही शासनकाल में वैज्ञानिक, औद्योगिक और राजनैतिक विस्तार हुआ था। दुनिया के विकसित देश के रूप में ब्रिटेन को देखा जाने लगा था। महारानी विक्टोरिया को भारत की महारानी की उपाधि 1 मई 1876 में मिली थी। उनकी मृत्यु 1901 में  इंग्लैंड में हुई थी, उनकी गद्दी उनके बेटे एडवर्ड ने संभाली थी। क्‍वीन विक्टोरिया की वंशंज क्‍वीन एलिजाबेथ सेकंड फिलहाल ब्रिटेन की रानी है। हाल में एलिजाबेथ सेकंड के पोते प्रिंस हैरी की शादी हुई है। प्रिंस हैरी ने एक अमेरिकन एक्ट्रेस मेगन मार्कल से शादी की है। 

 

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क्वीन के नौकरों से थे संबंध!

पति की मौत के बाद ब्रिटेन की पहली रानी विक्टोरिया को जब प्यार हुआ तो हर जगह कानाफूसी होने लगी। सभी को यही लगा कि रानी को किसी राजा से प्यार हुआ होगा, लेकिन हकीकत ये थी कि रानी को एक मामूली नौकर से प्यार हो गया था।

 

दुनिया के जाने-माने इतिहासकार एएन विल्‍सन ने दावा किया है कि महारानी विक्‍टोरिया और जॉन ब्राउन एक साथ सो जाते थे, लेकिन उनके बीच कभी शारीरिक संबंध नहीं रहे। आपको बता दें कि विल्‍सन ने हाल ही में विक्‍टोरिया पर किताब भी लिखी है।

 

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उल्‍लेखनीय है कि ये विवाद उस वक्‍त शुरु हुआ था जब एक मंत्री ने मरते वक्‍त बताया था कि विक्‍टोरिया और ब्राउन ने क्रेथी चर्च में शादी कर ली थी। ब्राउन, महारानी विक्‍टोरिया से 7 साल छोटा था। 

 

पति की मौत के बाद से महारानी बेहद परेशान रहने लगीं थीं। उनके सहयोगी को ऐसा लगता था कि उनका नौकर ब्राउन उन्‍हें इस अवसाद से निकाल सकता है, लेकिन लोग उस वक्‍त हैरान और परेशान रह गए जब महारानी उसके जादू में डूबती चली गईं।

 

फिर रानी के दिल में भारतीय नौकर ने बनाई जगह

ब्राउन की मौत के बाद एक भारतीय को विक्टोरिया को तोहफे के रूप भारत ने एक नौकर दिया। जिसका नाम अब्दुल करीम था, अब्दुल 24 साल के थे जब वो 1887 में आगरा से इंग्लैंड गए थे। एक साल के भीतर ही इस नौजवान को महारानी के दरबार में शिक्षक का दर्जा दे दिया गया था और उन्हें निर्देश दिया गया कि वो महारानी को हिंदी और उर्दू सिखाएं। 

 

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अब्दुल और विक्टोरिया के प्यार के संबंधों खुलासा तब हुआ, जब अब्दुल की डायरी सामने आई। जिससे पता चला कि भारत से महारानी का सेवक बनाकर ब्रिटेन गए अब्दुल करीम को किस तरह महारानी दिल दे बैठीं हैं। विक्टोरिया और अब्दुल की कहानी बिल्कुल वैसी थी जैसे फिल्मों में होता है। एक अमीर घराने की लड़की और गरीब लड़के के बीच प्यार होना। इन डायरियों से संकेत मिलता है कि महारानी विक्टोरिया का अब्दुल करीम से अपने खास सेवक जॉन ब्राउन से भी ज्यादा करीबी रिश्ता था। डायरियों में लिखा है कि जब अब्दुल करीम महारानी के दरबार की नौकरी छोड़ने का मन बना बैठे थे, तब महारानी ने खुद उनसे न जाने की विनती की थी।

 

Created On :   19 Jun 2018 4:01 AM GMT

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