क्वेटा: हिंदुओं के बाद ISIS ने बनाया ईसाईयों को निशाना, 9 की मौत
डिजिटल डेस्क, क्वेटा। दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा शहर में दो हमलों में बंदूकधारियों ने एक ईसाई परिवार के चार सदस्यों सहित नौ लोगों की हत्या कर दी है। इस मामले पर पुलिस की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान के मुताबिक यह दोनों ही घटनाएं 2 अप्रैल की हैं। ईसाई परिवार पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने ली है।
ISIS ने ली जिम्मेदारी
प्रांतीय पुलिस प्रमुख मोआज्जम जाह अंसारी ने कहा कि पहला हमला क्वेटा के शाह जमां रोड पर हुआ। बाइक सवार हमलावर ने एक रिक्शे पर गोलियां चलाईं। घटना में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के एक परिवार के चार सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक महिला को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि ईसाई परिवार पर यह हमला जानबूझ कर जाति को निशाना बनाने जैसा लग रहा है। अंसारी ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं कि यह रंजिश थी या फिर उन्हें जाति के आधार पर निशाना बनाया गया था।
Balochistan Minister for Home and Tribal Affairs, Mir Sarfaraz Ahmed Bugti said all the stakeholders of the society should cooperate with security forces to eliminate terrorism from the province. #KhushhalBalochistan #Balochistan #SarfarazBugti pic.twitter.com/metK8ssjRU
— KhushHal Balochistan (@KhushhalBAL) April 2, 2018
वहीं घटना में, क्वेटा के कामबरनी रोड पर दो समूहों में हिंसक संघर्ष हो गया जिसमें पांच लोग मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए। इस दौरान शिया मुसलमान अपने समुदाय के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान दो गुटों में संघर्ष हो गया।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
पुलिस को आशंका है कि यह हमला ईसाइयों को ही टारगेट बनाते हुए किया जा रहा है। बता दे कि पाकिस्तान की 18 करोड़ की आबादी में ईसाई महज दो प्रतिशत हैं। उन पर अक्सर ईश निंदा का आरोप लगाया जाता है। इसी कारण पिछले कुछ वर्षों में ईसाईयों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। कुछ समय पहले ही एक चर्च पर आत्मघाती हमला हुआ था। हाल ही में पाकिस्तान में एक ईसाई व्यक्ति और उसकी गर्भवती पत्नी को जिंदा जला दिया गया था।
लाहौर के बाहरी इलाके में नवंबर 2014 में ईशनिंदा का आरोप लगाकर घटना को अंजाम दिया गया था। ईसाई दंपती शहजाद मसीह और शमा कोट राधा किशन इलाके में ईंट भट्ठे के मजदूर थे। उन पर कुरान को अपवित्र करने का आरोप लगा कर करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने हमला किया था। इस घटना में स्थानीय मौलवी ने मस्जिद से घोषणा कर दंपति के खिलाफ भीड़ को भड़काया था।
Created On :   3 April 2018 7:35 AM GMT