राफेल पर राहुल का स्पीकर को लेटर, 'मैं बोलता हूं तो सदन स्थगित हो जाता है'

राफेल पर राहुल का स्पीकर को लेटर, 'मैं बोलता हूं तो सदन स्थगित हो जाता है'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को लिखित में नोटिस दिया है कि उन्हें बोलने का मौका दिया जाए। राहुल ने रूल-357 के तहत लोकसभा स्पीकर को नोटिस लिखा है कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाना चाहिए। राहुल ने ये नोटिस राफेल डील पर बोलने के लिए दिया है। इससे पहले गुरुवार को राहुल ने सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब भी वो सदन में कोई मुद्दा उठाते हैं, तो लोकसभा स्थगित कर दी जाती है। बता दें कि राफेल डील को लेकर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और राहुल गांधी बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं।

मैं बोलता हूं, तो सदन स्थगित हो जाता है

गुरुवार को सदन से बाहर निकलकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को फिर घेरा। मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा कि "संसद का एक नियम है कि जब कोई किसी मुद्दे को उठाता है या उसके बारे में बात की जाती है, तो उसे बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन जब मैं संसद में राफेल डील के मुद्दे को उठाना चाहता हूं को सदन स्थगित कर दिया जाता है।" वहीं कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा है कि रूल-357 के तहत राहुल गांधी को बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।

राफेल डील में कुछ न कुछ गलत है

बुधवार को पीएम मोदी के भाषण के बाद सदन से बाहर निकलकर राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "पीएम लोकसभा में 1 घंटे से ज्यादा बोले, लेकिन राफेल डील पर कुछ नहीं कहा। राफेल डील में कुछ न कुछ तो गलत हुआ है।" राहुल ने कहा कि "पीएम ने लोकसभा में कैंपेन स्पीच की और कुछ नहीं किया। पीएम ने एक साल में 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसानों की मदद के नाम पर सिर्फ बंबू और मधुमक्खी की बात करते हैं।" राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हर बार भाषण होता है, कांग्रेस के बारे में, कांग्रेस नेताओं के बारे और मोदी जी के बारे में, लेकिन जो सवाल देश के सामने हैं, उनपर कोई जवाब नहीं दे रहा है। रक्षामंत्री जी कह रही हैं कि हम नहीं बताएंगे, ये एक सीक्रेट डील है। पीएम ने 1 घंटे तक भाषण दिया, लेकिन कुछ नहीं कहा।" राहुल ने कहा कि "पीएम अपने भाषण में कांग्रेस की बात करते हैं, वो गलत नहीं है, लेकिन वो बातें आप रैलियों में करिए। सदन में सिर्फ देश के सवालों के जवाब दीजिए।"

राहुल ने कहा था- राफेल डील में घोटाला हुआ

इससे पहले मंगलवार को सदन से बाहर निकलकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को घोटाला करार दिया था। राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "रक्षा मंत्री कह रही हैं कि हम राफेल डील की रकम के बारे में नहीं बताएंगे। इसका क्या मतलब है? इसका एक ही मतलब है कि ये एक घोटाला है और इस डील को बदलने के लिए मोदी जी खुद पेरिस गए थे। पूरा देश इस बात को जानता है।" राहुल ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि "पीएम मोदी ने पर्सनली ये डील करवाई है। इसके लिए प्रधानमंत्री खुद पेरिस गए और वहां पर डील में बदलाव किए गए।" इस मामले में राहुल ने केंद्र सरकार से सफाई देने को भी कहा था।

क्या है राफेल डील? 

भारत ने 2010 में फ्रांस के साथ राफेल फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और 126 फाइटर जेट पर सहमित बनी थी। इस डील पर 2012 से लेकर 2015 तक सिर्फ बातचीत ही चलती रही। इस डील में 126 राफेल जेट खरीदने की बात चल रही थी और ये तय हुआ था कि 18 प्लेन भारत खरीदेगा, जबकि 108 जेट बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में असेंबल होंगे यानी इसे भारत में ही बनाया जाएगा। फिर अप्रैल 2015 में मोदी सरकार ने पेरिस में ये घोषणा की कि हम 126 राफेल फाइटर जेट को खरीदने की डील कैंसिल कर रहे हैं और इसके बदले 36 प्लेन सीधे फ्रांस से ही खरीद रहे हैं और एक भी राफेल भारत में नहीं बनाया जाएगा।

एक राफेल जेट कितने का? 

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने "सीक्रेसी" का हवाला देते हुए राफेल डील की कीमत तो नहीं बताई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में डिफेंस मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राफेल के 36 प्लेन की कीमत 3402 मिलियन यूरो यानी 27,216 करोड़ रुपए है। इसके साथ ही इन जेट्स के स्पेयर पार्ट्स के लिए 14,400 करोड़ रुपए, जलवायु के अनुकूल बदलाव करने के लिए 13,600 करोड़ रुपए और उसके रखरखाव के इंतजाम करने के लिए 2,824 करोड़ रुपए का खर्च पड़ा है। अगर इन सब खर्चों को जोड़ा जाए तो 36 राफेल फाइटर जेट की डील 58,040 करोड़ रुपए में हुई और इस तरह से एक राफेल जेट 1,612 करोड़ रुपए में पड़ा।

Created On :   9 Feb 2018 3:33 AM GMT

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