सबसे तेज़ रफ्तार
तेजस की रफ़्तार 200 किमी होगी. इसके लिए इसमें स्टील के ब्रेक डिस्क, सिंटर्ड पैड, इलेक्ट्रो-न्यूमैटिक असिस्ट ब्रेक सिस्टम जैसी विशिष्ट तकनीकी प्रणालियां अपनाई गई हैं।
प्लेन की तरह सीट्स
कोच के अंदर का नजारा किसी विमान के केबिन का अहसास कराता है। दो तरह की सीटें एग्जीक्यूटिव क्लास और चेयर कार होंगी। तेजस में कुल 19 कोच होंगे। इस ट्रेन में बैठने पर आपको प्लेन जैसा फील आएगा। इसकी सीटें भी लगभग विमान जैसी ही हैं।
सुपर लक्जरी सेवाएं
तेजस में कई लग्जरी सुविधाएं मिलेंगी। इसमें मेट्रो जैसे ऑटोमैटिक डोर होंगे जो अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे। इसके अलावा बायो वैक्यूम टायलेट तथा फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन सिस्टम की सुविधाएं प्रमुख हैं।
जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम
सेंसर युक्त टचलेस वॉटर टेप व सोप डिस्पेंसर के अलावा हैंड ड्रायर, नई डिजाइन के डस्टबिन, सीसीटीवी, कॉल बेल, डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड व जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम, इंटीग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले, स्नैक टेबल, यूएसबी बेस्ड चार्जिग के अलावा एग्जिक्यूटिव क्लॉस में गैस स्प्रिंग वाला लेग सपोर्ट दिया गया है।
लाइव टीवी
तेजस में यात्रियों के मनोरंजन का पूरा ख्याल रखा गया है। तेजस में सीट के सामने एलईडी स्क्रीन होगा जिसमें अभी रिकॉर्डेड सामग्री होगी। बाद में लाइव टीवी भी देखा जा सकेगा। इसमें आप गेम भी खेल सकते हैं।
3 करोड़ का एक डिब्बा
तेजस ट्रेन का निर्माण कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री में हुआ है। हर डिब्बे को बनाने में रेलवे को 3 करोड़ 25 लाख रपए खर्च करने पडे़ हैं। शताब्दी का एक डिब्बा बनाने में लागत ढाई करोड़ की आती है।
Created On :   22 May 2017 8:30 AM GMT