रेलवे कर सकती है निजी सुरक्षा एजेंसी का उपयोग- रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधकों, डीआरएम को दिये अधिकार

रेलवे कर सकती है निजी सुरक्षा एजेंसी का उपयोग-  रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधकों, डीआरएम को दिये अधिकार
रेलवे कर सकती है निजी सुरक्षा एजेंसी का उपयोग- रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधकों, डीआरएम को दिये अधिकार
रेलवे कर सकती है निजी सुरक्षा एजेंसी का उपयोग- रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधकों, डीआरएम को दिये अधिकार

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  ग्रीष्मकाल के दौरान ट्रेनों में बढऩे व वाली भीड़ में होने वाली यात्रियों को परेशानी व आपराधिक घटनाओं से निजात दिलाने के लिए रेलवे ने यात्रियों को राहत प्रदान करने के लिए तैयारी कर ली है । आरपीएफ-जीआरपी स्टाफ की कमी को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) व होमगार्ड की सेवाएं लेने का अधिकार देश के सभी मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को दे दिया है. साथ ही कुछ क्षेत्रों में निजी सुरक्षा एजेंसी का भी उपयोग स्थानीय रेल प्रशासन कर सकेगा.
जोन स्तर से आई थी मांग
गर्मियों में रेलवे स्टेशनों पर निजी सुरक्षा गार्ड दिखाई दें तो चौंकिएगा नहीं. रेल मंत्रालय ने महाप्रबंधकों को महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होमगार्डो तथा सामान्य क्षेत्रों में निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं लेने का अधिकार दे दिया है. हाल में रेलवे की सुरक्षा जरूरतों की समीक्षा के दौरान विभिन्न जोन की ओर से भीड़भाड़ के मौकों पर निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं लेने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया गया था. इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने महाप्रबंधकों और मंडल प्रबंधकों को विशेष परिस्थितियों में तीन महीने के लिए होमगार्ड अथवा निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं लेने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया है. महत्वपूर्ण अर्थात कोर एरिया में होमगार्डों की सेवाएं लेने की अनुमति होगी, जबकि नॉन कोर क्षेत्रों में निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं ली जा सकती हैं. नॉन कोर एरिया में विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ) जैसे प्रादेशिक बलों की सेवाएं लेना भी संभव होगा. जीएम और डीआरएम फिलहाल तीन महीने तक के लिए बाहरी सुरक्षा एजेंसियों के उपयोग के लिए अधिकृत किए गए हैं. हालांकि डीआरएम चाहें तो जीएम की अनुमति से तीन महीने से ज्यादा अवधि के लिए होमगार्डो की तैनाती कर सकते हैं.
गौरतलब है कि रेलवे की सुरक्षा संबंधी जरूरतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की संख्या में उस अनुपात में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. रेलवे में आरपीएफ की भूमिका को लेकर पिछले कई वर्षों से मंथन चल रहा है. कई मर्तबा इसे सशक्त बनाने के प्रयास हुए तो बीच-बीच में इसे कमजोर करने की मुहिम भी छेड़ी जाती रही. बीच में आरपीएफ को गृह मंत्रालय के अधीन लाने की चर्चा भी छिड़ी थी.

 

Created On :   16 April 2018 7:54 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story