रेलवे चाइल्ड लाइन ने भूले-भटके 1160 बच्चों को घरवालों से मिलाया

Railway child line brings 1160 missing children to their family
रेलवे चाइल्ड लाइन ने भूले-भटके 1160 बच्चों को घरवालों से मिलाया
रेलवे चाइल्ड लाइन ने भूले-भटके 1160 बच्चों को घरवालों से मिलाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे स्टेशन पर कार्यरत रेलवे चाइल्ड लाइन भूले-भटके बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। वर्ष 2015 से नागपुर स्टेशन पर अपनी मौजूदगी दर्ज करने के बाद अब तक इसके माध्यम से 1160 मासूमों को उनके परिवार वालों से मिलाया है। नागपुर स्टेशन के अलावा पूरे देशभर में 35 स्टेशनों पर रेलवे चाइल्ड लाइन अपना कर्तव्य निभा रही है। जून 2015 में नागपुर रेलवे चाइल्ड लाइन को दिन रात सेवा की मान्यता मिली है।  

रेलवे चाइल्ड लाइन सेवा के लिए चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन, मुंबई द्वारा स्थानीय संस्था वरदान इंडियन एसोशिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ एडॉप्शन  एंड चाइल्ड वेलफ़ेयर बाल अधिकार के लिए कार्यरत इस संस्था का चयन किया गया है। 27 जुलाई 2015 से रेलवे  चाइल्ड लाइन का वास्तविक कार्य शुरू  हुआ है। 

डांटने से घर छोड़ देते हैं बच्चे 
आए दिन रेलवे में ऐसे बच्चे मिलते हैं, जिन्हें पढ़ाई के लिए डांटने पर घर से भागकर ट्रेनों में बैठ जाते हैं। हालांकि इसके लिए आरपीएफ व जीआरपी पहले से थी, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर और भी जिम्मेदारी रहने से घर से भागे सभी बच्चों पर वह नजर नहीं रख पा रही थी। ऐसे में वर्ष 2015 में रेलवे चाइल्ड लाइन को नागपुर स्टेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई। जुलाई 2015 से यहां चाइल्ड लाइन के कर्मचारी यहां 24 घंटे रहते हैं। किसी भी व्यक्ति को लावारिस अवस्था में मिलनेवाले बच्चों को वह यहीं पर लाकर देते हैं।

बच्चों से आस्था से पूछताछ कर उन्हें समझाकर उनके माता-पिता तक पहुंचाना या अनाथालय तक पहुंचाना ही इनका काम है। अधिकृत आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2015 से मार्च 2016 तक कुल 164 बच्चें भटकी अवस्था में पाए गए हैं। इनमें सभी को अपने परिवारवालों के पास भेजा गया है। अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 496 बच्चों को व अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 500 बच्चों को घरवालों से मिलाया है। इनमें 1 साल से 17 साल के बच्चों का समावेश है।

कुल 3 साल में 1160 बच्चों को चाइल्ड लाइन ने घरवालों से मिलाया है। जो सराहनीय कार्य है। नागपुर में चाइल्ड लाइन की शुरुआत 1998 में हुई थी,  तबसे वरदान, आईएपीए एंड चाइल्ड वेलफेयर संस्था इस कार्य से जुड़ी हुई हैं। वरदान संस्था की स्थापना 1990  में हुई।  विगत 28 वर्षो में संस्था ने 0  से 6 वर्ष की आयु तक के निराधार बालकों  को आश्रय देकर दत्तक कार्य द्वारा उनका पुनर्वसन कार्य बखूबी से निभाया है। 

उसी प्रकार स्कूल हाउस फॉर चिल्ड्रेन इन डिफिकल्ट सरकमस्टांसेस, जरूरतमंद बालकों के लिए एकलव्य शिक्षण योजना विद्यार्थी सहायता योजना, नागपुर शहर के लिए चाइल्ड लाइन कोल्याब्रेटिव ऑर्गनाइजेशन के रूप में कार्यरत है। इसी शृंखला को सामयोजित करते हुए 2015 से संस्था की अध्यक्षा डॉ. मंगला देशकर, सचिव सरोज कोल्हे, सहसचिव डॉ. शिल्पा पुराणिक तथा पूर्व कार्यकारी संचालिका डॉ. वासंती देशपांडे के मार्गदर्शन में रेलवे चाइल्ड लाइन संचालित है।  
 

Created On :   19 May 2018 11:01 AM GMT

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