सोलर पॉवर सिस्टम से लैस देश की पहली ट्रेन शुरू, होंगे कई फायदे

railways launched first demu train with solar powered coaches
सोलर पॉवर सिस्टम से लैस देश की पहली ट्रेन शुरू, होंगे कई फायदे
सोलर पॉवर सिस्टम से लैस देश की पहली ट्रेन शुरू, होंगे कई फायदे

डिजटिल डेस्क,नई दिल्ली। रेलवे ने शुक्रवार को सोलर पॉवर सिस्टम से लैस देश की पहली ट्रेन डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) को शुरू किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कल दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन पर हरी झंडी दिखाकर इसको रवाना किया। इस ट्रेन में 10 कोच हैं, जिनमें से 8 की छत पर 16 सोलर पैनल लगे हैं, जो 300 वॉट बिजली पैदा करेंगे। इस ट्रेन के शुरू होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे सालाना 21 हजार लीटर डीजल की बचत की जा सकेगी।

क्या खास

इस ट्रेन में 10 कोच हैं, जिनमें से 8 पैसेंजर और 2 मोटर कोच हैं। ट्रेन के सभी पैसेंजर कोच में 2-2 सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनकी कुल क्षमता 4.5 किलोवॉट है। इसके अलावा हर कोच में 120 एंपीयर की बैटरियां भी लगी हुई है। सोलर पैनल की मदद से अब सोलर एनर्जी से बिजली पैदा की जाएगी, जिससे अब अलग से जनरेटर की जरुरत नहीं होगी।

क्या फायदा

इस ट्रेन के शुरू होने से हर साल 21 हजार लीटर डीजल की बचत होगी, जिससे हर साल 12 लाख रुपए बचेंगे। इसके अलावा अब इलेक्ट्रीसिटी के लिए भी अलग से जनरेटर की जरूरत नहीं होगी। सोलर सिस्टम से लैस इस ट्रेन की मदद से हर साल एक कोच से निकलने वाले 9 टन कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है।

कहां बनी ट्रेन

इस ट्रेन के कोच को चेन्नई की कोच फैक्टरी में बनाया गया है, जबकि इसके ऊपर लगे सोलर पैनल को इंडियन रेलवेज़ ऑर्गनाइजेशन ऑफ अल्टरनेटीव फ्यूल (आईआरओएएफ) ने तैयार किया है। इस ट्रेन को बनाने में लगभग 13 करोड़ का खर्चा आया है।

सुरेश प्रभु का बयान 

इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेलवे को एन्वायर्मेंट फ्रेंडली बनाने की दिशा में ये बड़ा कदम है। हम इसके लिए एनर्जी के गैर-परंपरागत तरीकों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर डीईएमयू ट्रेन में इंजन के जरिए इलेक्ट्रिसिटी मिलती है, जिसके लिए इंजन में अलग से जनरेटर लगाना पड़ता है, लेकिन अब इसकी जरुरत नहीं होगी। हालांकि अभी तक इस ट्रेन का रूट और किराया तय नहीं किया गया है। 

Created On :   15 July 2017 4:27 AM GMT

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