जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए रेलवे ने कसी कमर, 184 स्पेशल ट्रेनें चलाई

Railways prepared for Jagannath Rath Yatra,run 184 special trains
जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए रेलवे ने कसी कमर, 184 स्पेशल ट्रेनें चलाई
जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए रेलवे ने कसी कमर, 184 स्पेशल ट्रेनें चलाई
हाईलाइट
  • ओडिशा सरकार ने यात्रीयों के लिए स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की हैं।
  • 14 जुलाई से शुरू हो रही है जगन्नाथ रथ यात्रा।
  • 5 हजार लोगों के ठहरने का किया गया इंतेजाम।
  • डॉक्टर से लेकर पुलिस की संख्या बढ़ाई गई।
  • रथ यात्रा के पहले दिन चलेंगी 28 ट्रेनें।
  • सरकार और रेलवे ने 184 स्पेशल ट्रेन और 200 स्पेशल बस को शुरू किया है।

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में तीर्थ स्थानों की यात्रा का काफी महत्व है और इन स्थानों तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने में रेलवे अहम भूमिका निभाता है। इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए भी रेलवे ने कमर कस ली है और 14 जुलाई से शुरू हो रही जगन्नाथ रथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए rस्ट कोस्ट रेलवे और ओडिशा सरकार ने कई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की हैं। सरकार और रेलवे ने पुरी आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 184 स्पेशल ट्रेन और 200 स्पेशल बस को शुरू किया है।

 

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रथ यात्रा के पहले दिन चलेंगी 28 ट्रेनें

जानकारी के मुताबिक ईस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर, खुर्दा, कटक, आंध्र प्रदेश में भद्रक, बेरहमपुर, पारादीप, भवानीपटना, बंगिरिपोसी (मयूरभंज), केंजर, खड़गपुर, पलासा और विशाखापट्टनम, शालीमार से 14 जुलाई से लेकर 25 जुलाई तक स्पेशल ट्रेनों का इंतेजाम किया जाएगा। रथ यात्रा के पहले दिन के लिए 28 ट्रेनें उपलब्ध होंगी। जबकि ईस्ट कोस्ट रेलवे ने 26 ट्रेनों को बाहुदा यात्रा और सुनाबेशा कार्यक्रम के लिए शेड्यूल की गई हैं। वहीं ज्यादातर ट्रेनों का संचालन 14 जुलाई से 22 जुलाई के बीच होगा। 

 

 

puri railway station के लिए इमेज परिणाम

 

 

बनाए गए 5 पूछताछ केंद्र और 35 टिकट काउंटर 

रेलवे का कहना है कि ज्यादा भीड़ को ध्यान में रखकर एक्स्ट्रा कोच और इंजन की व्यवस्था पहले से ही कर ली गई है। जिससे यात्रियों को असुविधा न हो। लोगों की मदद से लिए 5 पूछताछ केंद्र और 35 टिकट काउंटर, सहायता केंद्र और अतिरिक्त टिकट चेकिंग स्टॉफ की व्यवस्था की गई है। 

 

 

5 हजार लोगों के ठहरने का किया गया इंतेजाम

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्री परिसर में 5 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। इन परिसर का निर्माण 2015 में किया गया था। अब इसका इस्तेमाल तीर्थयात्रियों को ठहराने के लिए किया जाता है।

 

 

डॉक्टर से लेकर पुलिस की संख्या बढ़ाई गई

रेलवे ने यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ का अंदाजा लगाते हुए फर्स्ट एड बूथ, एंबुलेंस, रेलवे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, जीआरपी और आरपीएफ कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है।  इसके अतिरिक्त मेला शेड, एरिया कंट्रोल रूम, डॉग स्कॉड और अन्य ट्रेन ऑपरेशन के लिए कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। 
 

Created On :   14 July 2018 3:07 AM GMT

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