चार मीटर चौड़ा बनेगा ट्रॉमा सेंटर का रैंप, नहीं चढ़ पाती थी एंबुलेंस

Ramp of trauma center will be 4m wide to end the inconvenience
चार मीटर चौड़ा बनेगा ट्रॉमा सेंटर का रैंप, नहीं चढ़ पाती थी एंबुलेंस
चार मीटर चौड़ा बनेगा ट्रॉमा सेंटर का रैंप, नहीं चढ़ पाती थी एंबुलेंस

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) स्थित ट्रॉमा केयर सेंटर चालू होने के 2 साल बाद गलती को सुधारकर रैंप को चार मीटर चौड़ा किया जाएगा। हैरानी की बात तो यह है कि एंबुलेंस को रैंप पर चढ़ने में परेशानी आती थी और कई बार वह फंस जाती थी। लगातार आ रही शिकायतों के बाद लोक लेखा समिति के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है। 

बता दें कि ट्रॉमा के कई सारे मुद्दों को भास्कर डाट काम में समय-समय पर उठाया गया है। इसमें अब यह निर्णय लिया गया कि ट्रॉमा सेंटर का रैंप ढाई मीटर से बढ़ाकर चार मीटर किया जाएगा। ट्रॉमा केयर सेंटर का मुख्य गेट भी चार मीटर का है, लेकिन रैंप छोटा होने से एंबुलेंस ऊपर जाने में परेशानी होती है।

गलत जगह बना ट्रॉमा का गेट
ट्रॉमा केयर सेंटर के संदर्भ में पिछले दिनों ही बैठक में यह सामने आया था कि ट्राॅमा का गेट गलत दिशा में बन गया है। क्योंकि ट्रॉमा में आने के लिए मरीज को पहले मुख्य सड़क से मेडिकल की ओर मुड़ना पड़ता है। इसके बाद उसे फिर एक बार विपरीत दिशा में मुड़कर ट्रॉमा में जाना पड़ता है। तब जाकर कहीं एंबुलेंस ट्रॉमा में पहुंचती है। इससे ट्रॉमा का गेट मुख्य सड़क पर बनाने का विचार किया गया, लेकिन पेड़ काटने की अनुमति लेने को लेकर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ट्रॉमा सेंटर गोल्डन ऑवर में उपचार के लिए जाना जाता है, लेकिन मेडिकल के ट्रॉमा में उसके विपरीत परिस्थितियां दिखाई पड़ रही हैं।

दवा विक्रेताओं के 80 करोड़ के बिल पेंडिंग
राज्य की राजधानी से लेकर उपराजधानी तक सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में दवाओं की भारी किल्लत है। अस्पताल में 80 फीसदी मरीजों को उपचार के लिए दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं, क्योंकि 2 साल से भुगतान नहीं होने के कारण दवा विक्रेतओं का 80 करोड़ रुपए बकाया हो गया है। इस पर फूड एडं ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन ने 19 जुलाई को मोर्चा निकालने का निर्णय लिया था। 

डीएमईआर डॉ. प्रवीण शिंगारे के साथ फाउंडेशन की बैठक में 15 दिन में भुगतान करने का अाश्वासन मिलने के बाद मोर्चा रद्द कर दिया गया। जानकारी के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल डीएमईआर के साथ फूड एण्ड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन की बैठक हुई। बैठक में 2 साल से करीब 25 सप्लायर्स के 78 करोड़ के बिल पेंडिंग होने से विक्रेता परेशान होने की बात कही गई। इस पर सत्र में सरकार ने सभी मेडिकल कालेज में दवाओं के बिलों के लिए 189 करोड़ मंजूर किए हैं, जिससे बकाया बिलों का भुगतान होगा। इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जाएगा। इस बारे में डीएमईआर की ओर से बुधवार को 15 दिन में भुगतान करने का लिखित आश्वासन दिया जाएगा। 

Created On :   18 July 2018 7:57 AM GMT

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