By - Bhaskar Hindi |27 July 2017 5:07 AM GMT
टीम डिजिटल, नई दिल्ली. रमजान माह की तैयारियां जोरों पर है हर ओर इस पाक माह की दस्तक दिखाई व सुनाई देने लगी है। लेकिन रमजान का पवित्र महीना रविवार से शुरू होगा। दरअसल, शनिवार को चांद नहीं दिखा। अगर चांद दिखता तो फिर रमजान शनिवार से ही शुरू होता। दिल्ली के जामा मस्जिद के प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक चांद नहीं दिख पाया है इसलिए ‘रोजा’ कल से शुरू नहीं होगा। वहीं, रोजा रखने वाले लोगों के लिए ‘सहरी’ (सूर्योदय से पहले का भोजन) कल रात से शुरू होगा।
गौरतलब है कि रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है जब मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक भोजन-पानी के बिना रहते हैं और मस्जिदों में सामूहिक नमाज में शामिल होते हैं। यह महीना इस्लाम का सबसे पाक माह है रमजान के महीने को और तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्से में दस- दस दिन आते हैं।
हर दस दिन के हिस्से को 'अशरा' कहते हैं जिसका मतलब अरबी मैं 10 है। कुरान के दूसरे पारे के आयत नंबर 183 में रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है। रमजान में रोजे को अरबी में सोम कहते हैं जिसका मतलब है रुकना। रोजा यानी तमाम बुराइयों से परहेज करना। रोजे में दिन भर भूखा व प्यासा ही रहा जाता है। इसी तरह यदि किसी जगह लोग किसी की बुराई कर रहे हैं तो रोजेदार के लिए ऐसे स्थान पर खड़ा होना मना होता है।
]]>Created On :   27 May 2017 7:20 AM GMT
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