RSS की सदस्यता किसी को कम्युनल नहीं बनाती- रविंदर रेड्डी

Ravinder Reddy says membership of the RSS does not make anyone communal
RSS की सदस्यता किसी को कम्युनल नहीं बनाती- रविंदर रेड्डी
RSS की सदस्यता किसी को कम्युनल नहीं बनाती- रविंदर रेड्डी

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में फैसला सुनाने वाले स्पेशल एनआईए कोर्ट के जज के.रविंदर रेड्डी का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सदस्यता किसी को सांप्रदायिक नहीं बनाती। जज की ये टिप्पणी मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले की सुनवाई के दौरान आई थी। 

क्या लिखा जज ने?
जज ने 140 पेज के फैसले में लिखा, "आरएसएस कोई गैरकानूनी रूप से काम करने वाला संगठन नहीं है। अगर कोई व्यक्ति इसके लिए काम करता है तो इसके कारण उसके सांप्रदायिक या असामाजिक होने की गुंजाइश नहीं होती है।" बता दें कि रविंदर रेड्डी ने NIA के आरोप पर बहस के दौरान अभियोजन पक्ष से कहा था कि क्या देवेंदर गुप्ता इसलिए सांप्रदायिक थे क्योंकि वह एक आरएसएस प्रचारक थे? 

रविंदर रेड्डी ने दिया था इस्तीफा
वहीं इस मामले में फैसला सुनाने के चंद घंटो बाद ही रविंदर रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया गया। उनसे कहा गया है था कि छुट्टी खत्म करके वापस काम पर लौटें। रेड्डी के इस निर्णय के पीछे उनके व्यक्तिगत कारण बताए गए थे। रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपना इस्तीफा भेजा था। 

पांच आरोपी बरी
बता दें कि 16 अप्रैल सोमवार को कोर्ट ने 11 साल पुराने मामले में सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए पांच आरोपियों को बरी कर दिया था। जज ने कहा था कि अभियुक्तों को इसलिए बरी किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, यानी NIA उस हमले में अभियुक्तों की भूमिका स्थापित करने में नाकाम रही। 

कब हुआ था ब्लास्ट?
18 मई 2007 को जुमे की नमाज के दौरान हैदराबाद की प्रसिद्ध मक्का मस्जिद में एक बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में 58 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि इस घटना के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हवाई फायरिंग भी की थी, जिसमें 5 और लोग मारे गए थे। वहीं जज के इस्तीफे को लेकर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए इसे रहस्यपूर्ण करार दिया था।

Created On :   22 April 2018 3:50 AM GMT

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