बैंक घोटाले रोकने के लिए रिजर्व बैंक का बड़ा कदम, खत्म की LoU, LoC की व्यवस्था

RBI ban the use of Letter of Undertaking and Letter of Comfort
बैंक घोटाले रोकने के लिए रिजर्व बैंक का बड़ा कदम, खत्म की LoU, LoC की व्यवस्था
बैंक घोटाले रोकने के लिए रिजर्व बैंक का बड़ा कदम, खत्म की LoU, LoC की व्यवस्था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक घोटाले रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। RBI ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) और लेटर ऑफ कंफर्ट (LoCs) के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। बैंक ये LoUs/LoCs जारी करते थे, जिनसे कंपनियों को भारत में सामान इम्पोर्ट करने के लिए कर्ज मिलता था। RBI ने एक नोटिफिकेशन में कहा है, "मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा के बाद भारत में LoUs/LoCs जारी करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जा रही है।" हालांकि, बैंक ने साफ किया कि देश में बिजनेस के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट और बैंक गारंटी नियमों के तहत पहले की तरह लागू रहेगी।

गौरतलब है कि 12,967 करोड़ के PNB घोटाले की जड़ भी LoU ही थे। इसी घोटाले से सबक लेते हुए RBI ने सरकारी बैंकों को यह नई गाइडलाइन जारी की है। PNB घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने LoU के जरिए ही PNB बैंक को 12,967 करोड़ का चुना लगाया था। साल 2011 से नीरव और मेहुल मुंबई में PNB की ब्रेडी हाउस ब्रांच से फर्जी LoUs के जरिए पैसा निकाल रहे थे। 7 सालों में दोनों ने 297 फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) के जरिए पैसा विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर किया था। मामले का खुलासा होने से पहले ही दोनों आरोपी विदेश भाग गए थे।

क्या होता है LoU/LoC
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को भेजी गई एक गारंटी है, जिसके आधार पर विदेशों में स्थित बैंक से लोन लिया जा सकता है। LoU जारी करने वाला बैंक इसके माध्यम से दूसरे बैंक को गारंटी देता हैं कि अगर व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो उसका लोन वह बैंक खुद चुकाएगा। इसी तरह लेटर ऑफ कंफर्ट (LoCs) भी एक तरह का डेब्ट एश्योरेंस होता है जो बैंक द्वारा थर्ड पार्टी को जारी किया जाता है।

Created On :   13 March 2018 5:07 PM GMT

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