RBI बोर्ड की बैठक खत्म, लघु उद्योगों को अधिक कर्ज देने पर बनी सहमति

RBI to form panel to review transfer of surplus to government
RBI बोर्ड की बैठक खत्म, लघु उद्योगों को अधिक कर्ज देने पर बनी सहमति
RBI बोर्ड की बैठक खत्म, लघु उद्योगों को अधिक कर्ज देने पर बनी सहमति
हाईलाइट
  • RBI ने मीटिंग में एक एक्सपर्ट पैनल बनाने का फैसला लिया है जो इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा करेगा।
  • नौ घंटे तक चली मैराथन बोर्ड मीटिंग के बाद कई मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति बनने की खबरें है।
  • सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बीच चल रही तनातनी की खबरों के बीच सोमवार को RBI महत्वपूर्ण बैठक हुई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के बीच चल रही तनातनी की खबरों के बीच सोमवार को RBI की महत्वपूर्ण बैठक हुई। नौ घंटे तक चली मैराथन मीटिंग में बोर्ड ने सुझाव देते हुए कहा कि RBI को लघु उद्योगों (MSME) को राहत देने के लिए कर्ज सीमा 25 करोड़ तक बढ़ानी चाहिए। RBI ने मीटिंग में एक एक्सपर्ट पैनल भी बनाने का फैसला लिया है जो इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा करेगा। साथ ही केंद्र सरकार के साथ रिजर्व बैंक के विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए ये एक्सपर्ट पैनल काम करेगा। पैनल का गठन RBI और सरकार दोनों मिलकर करेंगी। 18 सदस्यीय बोर्ड की बैठक में ये सभी निर्णय लिए गए हैं। जिसमें सेंट्रल बैंकर्स, सरकारी अधिकारी और उद्योगपति शामिल हैं।

बोर्ड मीटिंग में मीडियम एंड स्मॉल सेक्टर इंडस्ट्री को राहत पहुंचाने के लिए योजना तैयार करने की बात सामने आई है। इसके तहत MSME सेक्टर को रिजर्व बैंक 25 करोड़ तक के कर्ज के लिए एक नई स्कीम भी लाने पर काम करेगी। केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने प्रेस रिलीज के जरिए यह भी बताया कि वह नवंबर के दौरान ओपन मार्केट में 80 बिलियन रुपये (8,000 करोड़) के गवर्नमेंट सिक्योरिटी बॉन्ड खरीदने के लिए तैयार है।

प्रॉम्प्ट कोअरसिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क के अंतर्गत आने वाले बैंकों के संबंध में, यह निर्णय लिया गया कि मामले की जांच आरबीआई के बोर्ड फॉर फाइनेंशियल सुपरविजन (BFS) द्वारा की जाएगी। राज्य के स्वामित्व वाले ग्यारह बैंकों को RBI ने PCA फ्रेमवर्क के तहत रखा है। बता दें कि RBI को जब लगता है कि किसी बैंक के पास जोखिम का सामना करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है, आय और मुनाफा नहीं हो रहा या NPA बढ़ रहा है तो उस बैंक को PCA में डाल दिया जाता है। PCA में शामिल बैंक नए कर्ज नहीं दे सकते और नई ब्रांच नहीं खोल सकते। 

इस मामले पर ट्वीट करते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि मुझे इस बात से खुशी है कि सरकार ने पीछे हटकर RBI की आजादी को स्वीकारा है। इसके बाद दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, इसमें कोई नुकसान नहीं है कि रिजर्व के इस मामले पर एक कमिटी गठित होगी। इससे कम से कम मई 2019 तक RBI के रिजर्व सुरक्षित तो रह पाएंगे।

इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और स्वतंत्र निदेशक एस गुरुमूर्ति ने सभी विवादित मुद्दों पर आमने-सामने बातचीत की। बैठक में रिजर्व बैंक के पास मौजूद 9.69 लाख करोड़ रुपये के रिजर्व पर भी चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय चाहता है कि इस 9.69 लाख करोड़ रुपये के रिजर्व की सीमा को वैश्विक स्तर के हिसाब से कम किया जाना चाहिए।

बता दें कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में RBI और सरकार के बीच असली विवाद नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए फंडिंग को लेकर हुआ था। इसके बाद सरकार की ओर से RBI को तीन लेटर भी लिखे गए थे और ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार RBI एक्ट का सेक्शन 7 लागू कर सकती है। 

 

Created On :   19 Nov 2018 5:30 PM GMT

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