महापुण्यकारी है इस दिन भगवद गीता पढ़ना, होंगे भगवान विष्णु के दर्शन

Read Geeta path on Mokshadha Ekadashi and the Geeta jayanti 2017
महापुण्यकारी है इस दिन भगवद गीता पढ़ना, होंगे भगवान विष्णु के दर्शन
महापुण्यकारी है इस दिन भगवद गीता पढ़ना, होंगे भगवान विष्णु के दर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोक्षदा एकादशी, नाम से ही स्पष्ट है मोक्ष दिलाने वाली। देवशयनी पर भगवान विष्णु का शयन काल प्रारंभ होता है और देव उठनी पर वे जागते हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त एकादशियों में जिसे उत्तम बताया गया है वह है मोक्षदा एकादशी जिसे गीता जयंती भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने का अत्यधिक महत्व है। इस वर्ष यह तिथि 30 नवंबर को है। हर साल यह एकादशी मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष में आती है। 

 

साल की कुल 24 एकादशियों में मोक्षदा एकादशी का अपना महत्व है। इसका महिमा और अधिक इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था। उन्होंने गीता का ज्ञान अर्जुन को देकर उन्हें नश्वर संसार के बारे में बताया और अपना पारलौकिक स्वरूप भी दिखाया था। उन्होंने अर्जुन का अपने सगे संबंधियों से मोह भंग करने के लिए गीता का ज्ञान दिया था। 

 

गीता पाठ महापुण्यकारी 

ऐसी मान्यता है कि गीता जयंती या मोक्षदा एकादशी के दिन श्रीमदभगवद गीता का पूजन करना चाहिए। आरती कर भगवान विष्णु की प्रार्थना करना चाहिए, जिससे वे आपको जीवन में सद्मार्ग पर ले जाकर सही रास्ता चुनने में सहयोग करें। इस दिन गीता पाठ महापुण्यकारी बताया गया है। 

 

श्रीकृष्ण में संपूर्ण ब्रम्हाण्ड के दर्शन

गीता का ज्ञान देकर जब श्रीकृष्ण ने अपना विराट स्वरूप अर्जुन को दिखा तो अर्जुन ने उनमें शिव, ब्रम्हा, जीवन चक्र, मृत्यु को देखा। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण में संपूर्ण ब्रम्हाण्ड के दर्शन कर लिए। उनके परब्रम्ह स्वरूप को देखकर अर्जुन का मोह भंग हो जाता है और वे युद्ध के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि जो भी व्यक्ति गीता के 11 वें पाठ को नियमित पढ़ता है उसे भगवान विष्णु के दर्शन किसी न किसी रूप में अवश्य होते हैं। यदि सिर्फ 18वें पाठ को भी पढ़ा जाए तो संपूर्ण गीता पाठ को पढ़ने का लाभ प्राप्त होता है। 

Created On :   28 Nov 2017 3:55 AM GMT

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