थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन : दूसरा चरण खत्म, अब तक 8 बच्चे गुफा से निकाले गए

थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन : दूसरा चरण खत्म, अब तक 8 बच्चे गुफा से निकाले गए
हाईलाइट
  • अमेरिका
  • चीन
  • जापान
  • ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के कई गोताखोर इस बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
  • दूसरे चरण में चार और बच्चों को गुफा से बाहर निकाल लिया गया है।

डिजिटल डेस्क, बैंकाक। 23 जून से थाईलैंड की लुआंग गुफा में फंसे बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का दूसरा चरण स्थानीय समयानुसार करीब शाम को 8 बजे रोक दिया गया है। यह करीब 11 बजे शुरू किया गया था। रेस्क्यू टीम के हवाले से कहा जा रहा है कि दूसरे चरण में चार और बच्चों को गुफा से बाहर निकाल लिया गया है। इस तरह अब तक 8 बच्चों का रेस्क्यू किया जा चुका है। चारों बच्चों को एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल ले जाया गया है। सभी रेस्क्यू किए गए बच्चे फिलहाल हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट ले रहे हैं। गुफा में अभी भी 4 बच्चे और उनके फुटबॉल कोच फंसे हुए हैं। अगला चरण बुधवार सुबह 11 बजे शुरू होने की बात कही जा रही है। गौरतलब है कि रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के पहले चरण में 4 बच्चों को गुफा से बाहर निकाला गया था। पहले चरण के बाद ऑपरेशन को 12 घंटे से भी अधिक समय के लिए रोक दिया गया था।

बता दें कि बच्चों को बचाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में 18 गोताखोर की एक टीम बनाई गई है। इसमें 13 विदेशी गोताखोर और थाइलैंड नेवी सील के 5 गोताखोर शामिल हैं। 2-2 गोताखार मिलकर एक-एक बच्चे को बाहर निकाल रहे हैं। ये गोताखोर अंधेरे और पानी से भरे सकरे रास्ते को पार करने में बच्चों की मदद करते हुए उन्हें गुफा से बाहर निकाल रहे हैं। बता दें कि ये खिलाड़ी 23 जून से इस गुफा के अंदर फंसे हुए हैं। गुफा के चारों ओर पानी भरा हुआ है। इसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
 



इस रेस्क्यू ऑपरेशन में थाइलैंड को विदेशी देशों से भी मदद मिल रही है। अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के कई गोताखोर इस बचाव कार्य में लगे हुए हैं। थाइलैंड और विदेशी देशों के कुल 90 गोताखोर इस समय गुफा के आसपास मौजूद हैं। इस बचाव अभियान में एक हजार से ज्यादा थाइलैंड के जवान और विशेषज्ञ लगे हुए हैं।

बच्चों को सुरक्षित वापस लाने के लिए गोताखोर की टीम ने जो प्लान बनाया है उसके तहत गोताखोर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर तैरते हुए गुफा के अंदर जा रहे हैं। बच्चों तक पहुंचने में गोताखोरों को 6 से 7 घंटे का वक्त लग रहा है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को वहां से निकालकर लाना है। बच्चों के लिए सिलेंडर के साथ इतने लंबे वक्त तक तैरना मुमकिन नहीं हैं। साथ ही बच्चे काफी थके हुए हैं और खाने की कमी की वजह से कमजोर भी हो गए हैं। ऐसे में अगर बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ जाता है तो बच्चों को निकालना और मुश्किल हो सकता है।

ऐसे फंसे थे बच्चे
23 जून को स्थानीय समयानुसार करीब 10 बजे 12 बच्चों की यह फुटबॉल टीम अपने कोच समेत फुटबॉल की प्रैक्टिस के लिए पहुंची थी। प्रैक्टिस के बाद से यह टीम गायब थी। बच्चों के गायब होने का पता उस समय लगा जब बच्चों में से एक लड़के के माता-पिता ने टैम-लोंग- खुनाम नांगनोन नेशनल पार्क के कर्मियों को बताया कि उनका बेटे से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बच्चों को ढुंढते हुए नेशनल पार्क के कर्मियों ने देखा कि 12 साइकिलें गुफा के प्रवेश द्वार पर खड़ी हैं। इसी के बाद से बच्चों को खोजने का अभियान शुरू हुआ।



बच्चे गुफा में क्यों गए इसके पीछे अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। किसी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बच्चे गुफा में एक सरप्राइज पार्टी के लिए गए थे। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में टीम के एक अन्य सदस्य जो उस दिन गुफा में अपने दोस्तों के साथ नहीं गया था उसके हवाले से बताया है कि टीम इससे पहले भी तीन बार उस गुफा में जा चुकी है। गुफा में टीम के पहुंचने के बाद से ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई थी। बाढ़ के पानी से गुफा का प्रवेश द्वार बंद हो गया था। इसके बाद कोच के साथ सारे बच्चे गुफा में भटकते हुए और फंसते चले गए।
 

 

Created On :   9 July 2018 11:44 AM GMT

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