पराजय का असर, कांग्रेस में फेरबदल का मामला टला

Reshuffling in congress stuck due to defeat in lok sabha election
पराजय का असर, कांग्रेस में फेरबदल का मामला टला
पराजय का असर, कांग्रेस में फेरबदल का मामला टला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव में पराजय का असर प्रदेश कांग्रेस के संगठनात्मक मामले पर भी पड़ा है। प्रदेश अध्यक्ष व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए नए सिरे से चयन के मामले को लेकर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हैं। गौरतलब है कि फेरबदल को लेकर कांग्रेस में लंबे समय से चर्चा चल रही है। 20 मई को यह चर्चा और अधिक तेज हुई। मुंबई में पार्टी नेताओं व विधायकों की बैठक हुई। प्रदेश प्रभारी मलिकार्जुन खडगे ने कहा था कि जल्द ही संगठन में जिम्मेदारियों का विकेंद्रीकरण होगा, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण समेत अन्य प्रमुख नेताओं के लोकसभा चुनाव में पराजित हो जाने से फिलहाल इस मामले पर चर्चा तक नहीं हो रही है। उधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप चुके राधाकृष्ण विखे पाटील का कांग्रेस छोड़ना तय माना जा रहा है।

विखे पाटील के पुत्र ने भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता है। विखे पाटील के स्थान पर उप नेता विजय वडेट्टीवार को नेता प्रतिपक्ष बनाने की चर्चा चल रही थी। लोकसभा चुनाव में राज्य में केवल चंद्रपुर में कांग्रेस उम्मीदवार जीते हैं। वडेट्टीवार चंद्रपुर जिले के ही है। स्थानीय राजनीति में प्रभाव रखते हैं। कांग्रेस उम्मीदवार बालू धानोरकर की जीत में वडेट्टीवार का भी बड़ा योगदान माना जा रहा है। कांग्रेस की राज्य स्तर पर सूखा क्षेत्र दौरा यात्रा में विदर्भ की जिम्मेदारी वडेट्टीवार को ही मिली है। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में इस तरह सन्नाटा व निराशा है कि कोई भी इस मामले पर बोलने तक को तैयार नहीं हैं। 

अक्टूबर में विधानसभा के लिए चुनाव होंगे। चुनाव के लिए सितंबर से आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में चुनाव तैयारी के लिए 2 से 3 माह ही बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस में संगठनात्मक कार्य को गति देने की रणनीति पर भी काम करना होगा। पार्टी के एक प्रमुख पदाधिकारी ने कहा है कि परिणाम को लेकर निराशा स्वाभाविक है। लेकिन विधानसभा चुनाव की तैयारी जल्द ही कर ली जाएगी।

Created On :   26 May 2019 8:24 AM GMT

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