रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 3.18% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 3.1 फीसदी

रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 3.18% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 3.1 फीसदी
रिटेल महंगाई दर बढ़कर पहुंची 3.18% पर, IIP ग्रोथ घटकर हुई 3.1 फीसदी
हाईलाइट
  • उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून 2019 में बढ़कर 3.18% पर पहुंच गई
  • खुदरा महंगाई दर के जून माह के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए
  • फूड आइटम्स महंगे होने के चलते खुदरा महंगाई दर में लगातार छठवें महीने बढ़ोतरी देखी गई है

डिजिटल डेस्क, मुंबई। खुदरा महंगाई दर के जून माह के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए। फूड आइटम्स महंगे होने के चलते खुदरा महंगाई दर में लगातार छठवें महीने बढ़ोतरी देखी गई है। उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून 2019 में बढ़कर 3.18% पर पहुंच गई। मई महीने में यह 3.1 प्रतिशत थी। इसके अलावा मई में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) ग्रोथ घटकर 3.1% रह गई। अप्रैल में यह 3.4% थी। सेंट्रल स्टेटस्टिक्स ऑफिस ने ये आंकड़े जारी किए हैं।

शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर फूड प्राइज इंडेक्स मई के 1.83% के मुकाबले बढ़कर 2.37% पर पहुंच गया है। ईंधन और बिजली की महंगाई दर मई के 2.48% के मुकाबले घटकर 2.32% हो गई। हाउसिंग इंफ्लेशन मई में 4.82% था जो जून में बढ़कर 4.84% पर पहुंच गया। सब्जियों की महंगाई दर 5.46% से घटकर 4.66% हो गई। मई के 1.8% की तुलना में जून में कपड़ों और जूतों की महंगाई दर घटकर 1.52% हो गई। दालों की महंगाई दर 2.13% के मुकाबले 5.67% हो गई।

क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI यानि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक। यह रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी की करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं। 

आईआईपी ग्रोथ बढ़कर 0.1 फीसदी पर
मई 2019 में आईआईपी ग्रोथ घटकर 3.1 फीसदी पर पहुंच गई है। अप्रैल में यह 3.4 फीसदी थी। खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और माइनिंग सेक्टर में आई गिरावट की वजह से इंडस्ट्रियल आउटपुट ग्रोथ में गिरावट देखी गई है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 2.8 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी पर आ गई है। महीने दर महीने के आधार पर मई में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.1 फीसदी से घटकर 3.2 फीसदी पर पहुंच गई है।

इंटरमीडियेट गु्ड्स सेक्टर की ग्रोथ 1 फीसदी से घटकर 0.69 फीसदी हो गई है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ -0.1 फीसदी दर्ज की गई है अप्रैल में यह 2.4 फीसदी थी। जबकि नॉन कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर की ग्रोथ 5.2 फीसदी से बढ़कर 7.7 फीसदी हो गई है। मई में प्राइमरी गुड्स ग्रोथ 5.2 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी रह गई है। कैपिटल गुड्स ग्रोथ 5.2 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी हो गई है। महीने दर महीने आधार पर मई में इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ 6 फीसदी से बढ़कर 7.4 फीसदी पर पहुंच गई है।

Created On :   12 July 2019 5:05 PM GMT

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