खुलासा : 4 साल में पैदा हुए 1050 मृत शिशु

Revealed in rti 1050 dead babies born in 4 years in nagpur
खुलासा : 4 साल में पैदा हुए 1050 मृत शिशु
खुलासा : 4 साल में पैदा हुए 1050 मृत शिशु

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय सुधार होने के बावजूद पिछले चार साल में नागपुर शहर के अलग-अलग अस्पतालों में  1050 शिशु मृत पैदा हुए। इन शिशुओं को दुनिया देखने का मौका ही नहीं मिला। इसी तरह चार साल में जन्म के कुछ समय बाद ही 1024 नवजातों की मौत होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। राज्य की उपराजधानी नागपुर शहर के यह चौंकाने वाले आंकड़े हैं। 

नागपुर में बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं के नारे के बावजूद  लड़कियों की जन्म दर लड़कों से कम

आरटीआई में खुलासा हुआ कि, 1 जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2018 (4 साल) तक मेयो, मेडिकल व डागा जैसे सरकारी अस्पताल व  शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में 1050 शिशु मृत पैदा हुए। प्रसूति की अपडेट सुविधा उपलब्ध होने व स्वास्थ्य सेवा में जबरदस्त सुधार होने के बावजूद शिशुआें का माताआें की गर्भ में ही मृत होना चिंताजनक है। इसी तरह शहर के विविध सरकारी व निजी अस्पतालों में पिछले चार साल में 1024 नवजातों की मौत हुई, जो जन्म लेने के कुछ समय बाद ही चल बसे। पिछले साल शहर में 2 लाख 28 हजार 14 बच्चों ने जन्म लिया, जिसमें 1 लाख 10 हजार 361 बच्चियां हैं। 

जन्म के कुछ समय बाद ही 1024 नवजातों की मौत 

जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2018 इन चार सालों में 1 लाख 7 हजार 867 लोगों की मौत हुई, इसमें 42 हजार 59 महिलाएं शामिल हैं। चार साल में 2113 लड़के-लड़कियों की मृत्यु हुई है। मृतकों में 888 लड़कियां हैं। लड़कों की तुलना लड़कियों की जन्म दर का ग्राफ 93.99 फीसदी है। सरकार के बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं के नारे के बावजूद  लड़कियों की जन्म दर लड़कों से कम है। 2015 में लड़कियों की जन्म दर 94.77 फीसदी थी, जो अब नीचे आ गयी है। मनपा के जन्म -मृत्यु विभाग से जन्म प्रमाणपत्र आवेदन करने पर तत्काल उसी दिन व सामान्य प्रक्रिया में 3 दिन में मिलता है।

Created On :   21 March 2019 4:43 AM GMT

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