संविधान में सबको बराबरी का हक, ग्रामीण न रहे अधिकार और न्याय से वंचित : जज उपाध्याय

Rights for all citizens are same in Constitution - Justice Upadhyay
संविधान में सबको बराबरी का हक, ग्रामीण न रहे अधिकार और न्याय से वंचित : जज उपाध्याय
संविधान में सबको बराबरी का हक, ग्रामीण न रहे अधिकार और न्याय से वंचित : जज उपाध्याय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश के संविधान में सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय की व्यवस्था है। अगर नागरिकों को सामाजिक न्याय चाहिए तो उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। इससे लोग अपने अधिकारों की मांग बुलंद कर सकते है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस अरुण उपाध्याय ने ग्रामीण भागों में न्याय व्यवस्था की अनिवार्यता पर यह विचार रखे। वे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नागपुर के नए उपक्रम ‘न्यायदूत’ के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम गढ़चिरोली जिले के और अडपल्ली गांव में आयोजित किया गया था।

जस्टिस उपाध्याय इस जिले के पालक जस्टिस भी है। उन्होंने आगे कहा कि हम जन्म से लेकर मृत्यु तक कानून और नियमों के दायरे में होते हैं। हमारे जन्म, विवाह, मृत्यु की जानकारी सरकारी दस्तावेजों में दर्ज होती है। उसके अनुसार सरकार अपनी नीतियां निर्धारित करती हैं। हमें यह याद रखने की जरूरत है कि हमारा जीवन केवल सिर्फ अपने आप या हमारे परिवार के लिए नहीं है, बल्कि समाज के प्रति भी हमारी कई जिम्मेदारियां हैं। हमारे देश की संवैधानिक व्यवस्था में उच्च अधिकारी से लेकर ग्रामीण व्यक्ति के वोट को भी समान मूल्य है।

न्या.उपाध्याय अधिवक्ता और विधि वर्ग से कहा कि पक्षकार न्याय व्यवस्था का केंद्र बिंदु है। उसके बिना न्यायपालिका का कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसे में न्याय की आस में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले पक्षकार को पूरा सम्मान देते हुए उसकी समस्याएं हल करनी चाहिए। पक्षकार की इच्छा होती है कि उसे कम से कम समय और पैसे में न्याय मिले, इसकी पूर्ति के लिए हमें प्रयास करना चाहिए। 

कुआं खुद चल कर प्यासे के पास आया 
कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि मौजूद गड़चिरोली प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश संजय मेहरे ने अपने संबोधन में कहा कि यह उपक्रम शहरी और ग्रामीण पक्षकारों के बीच समानता कायम करने का सराहनीय प्रयास है। हाईकोर्ट में कार्य करने वाले अधिवक्ता आज खुद ग्रामीणों तक मैदान के लिए पहुंच रहे हैं। यह कुएं के खुद चल कर प्यासे तक पहुंचने जैसा है। ग्रामीणों काे इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि  गड़चिरोली को अमुमन वंचित जिले के रूप में देखा जाता है। लेकिन ऐसे जिले का संज्ञान लेकर यहां के निवासियों को न्यायदान करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि HCBA का अभिनव प्रयास है।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल किलोर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। उन्होंने ग्रामिणों को  न्यायदूत उपक्रम की रूपरेखा और इसके उद्देश्य की जानकारी दी। इस मौके पर गड़चिरोली बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रमोद बोरावास और गांव की सरपंच भूमिका मेश्राम ने अपने विचार रखें। HCBA सचिव प्रफुल्ल खुबालकर भी मंच पर उपस्थित थे। एड. विजय मोरांडे कार्यक्रम के संयोजक थे। संचालन एड.पल्लवी केदार ने किया। इस दौरान बार उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम पाटिल, गौरी वेंकटरमन, प्रीति राणे समेत तमाम पदाधिकारियों और अन्य अधिवक्ताओं की बड़ी संख्या में उपस्थित थे। 

ये रही मुख्य समस्याएं  
अड़वल्ली गांव में उपक्रम को भरपूर प्रतिसाद मिला। ग्रामीणों ने अधिवक्ताओं से खुलकर अपनी समस्या सांझा की। इसमें घर के पास बनी नाली, जल निकासी व्यवस्था, पेय जलापूर्ति जैसी बुनियादी समस्याओं से लेकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए निर्धारित सेवाओं के लागू ना होने, शौचालय या अन्य सार्वजनिक निर्माण कार्य में अनियमितताओं की शिकायतें भी मिली। इसी तरह जेप्रा गांव में महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन ना मिलने, चिटफंड कंपनियों द्वारा ग्रामिणों से की गई धोखाधड़ी। क्षेत्रीय मालगुजारी तालाबों की जर्जता और इससे फसल को होने वाले नुकसान की शिकायतें भी मिली।

इस दौरे में HCBA की टीम ने साखरा, गीलगांव, ब्राम्हणी, खुर्सा, मेंढा (बोधली), चुराचूरा,अमीर्झा और टेंभा गावों में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं जानी। दौरे पर अस्पतालों, शालाओ में जरुरी स्टाफ की उपलब्धता नहीं होने, पर्याप्त सुविधाओं की उपलब्धता ना होने, से लेकर अवैध शराब बिक्री, भूखंड पट्टे मिलने के बाद भी सात बाराह पर नाम न जुड़ने की सबसे अधिक शिकायतें रही। इस दौरे में अधिवक्ताओं के साथ संबंधित अधिकारी भी उपलब्ध थे। HCBA अध्यक्ष अनिल किलोर के अनुसार HCBA ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने के लिए लगातार प्रयासरत रहेगा। इस कड़ी में संबंधित अधिकारियों को समस्याएं हल करने से लेकर जरूरत पड़ने पर जनहित याचिका दायर करने जैसे कदम उठाए जाएंगे। यह उपक्रम आगे ऐसे ही जारी रहेगा।

Created On :   22 April 2018 10:46 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story