काल डेटा रिकार्ड केस : ठाणे पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे रिजवान सिद्दीकी

rizwan siddiqui will file a petition against Thane police in HC
काल डेटा रिकार्ड केस : ठाणे पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे रिजवान सिद्दीकी
काल डेटा रिकार्ड केस : ठाणे पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे रिजवान सिद्दीकी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी का काल डेटा रिकार्ड अवैध रुप से रखने के मामले में विवादों में घिरे वकील रिजवान सिद्दीकी अब ठाणे पुलिस के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने बुधवार को इस मामले में सिद्दीकी की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए पुलिस को उन्हें तुरंत छोड़ने का निर्देश दिया था। सिद्दीकी ने कहा कि पुलिस इस प्रकरण में मीडिया ट्रायल चला रही है जो हैरानीपूर्ण है। उन्होंने कहा, "पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे मनगढ़ंत कहानियां बनाकर मीडिया में इंटरव्यू दे रहे हैं। उन्होंने मीडिया में जो कहा है वो मैं उन्हें कोर्ट में साबित करने को कहूंगा। मैं कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा हूं।"

सिद्दीकी को तुरंत रिहा करने के दिए थे आदेश

इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने ठाणे पुलिस को निर्देश दिया था कि वह फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी का अवैध रुप से काल डेटा रिकार्ड (सीडीआर) रखने के आरोप में गिरफ्तार वकील रिजवान सिद्दीकी को तुरंत रिहा करे। हाईकोर्ट ने वकील की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया था। बुधवार को जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस प्राकश नाईक की बेंच ने कहा था, "पुलिस खुद को कानून से बड़ा न समझे और कानून को अपने हाथ में न ले। इस मामले में पुलिस न सिर्फ लापवाही दिखी बल्कि उसने गिरफ्तारी को लेकर कानूनी प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया है। इसलिए हम गृह विभाग व ठाणे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस मामले की जांच करेंगे और यदि प्रकरण में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्रवाई भी करेंगे।"

सरकारी वकील ने दिया था यह बयान

इससे पहले सरकारी वकील ने बेंच के सामने कहा था कि पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर आरोपी वकील को नोटिस जारी किया था, लेकिन उसने नोटिस को स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। फिलहाल उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा है। यदि आरोपी को छोड़ा जाता है तो हमे कोई आपत्ति नहीं है। इस पर बेंच ने कहा कि मजिस्ट्रेट कोर्ट का आदेश हाईकोर्ट पर लागू नहीं होता। पुलिस इस मामले में निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन करने में विफल रही है। इसलिए प्रथम दृष्टया गिरफ्तारी अवैध नजर आ रही है। लिहाजा आरोपी वकील को तुरंत रिहा किया जाए।

Created On :   22 March 2018 6:48 PM GMT

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