रूफ-टॉप योजना बनी जी का जंजाल, उपभोक्ताओं की नकेल कसने लगी महावितरण

Rooftop solar electricity plan became the tension for Mahavitaran
रूफ-टॉप योजना बनी जी का जंजाल, उपभोक्ताओं की नकेल कसने लगी महावितरण
रूफ-टॉप योजना बनी जी का जंजाल, उपभोक्ताओं की नकेल कसने लगी महावितरण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सोलर प्लांट खासकर छत पर सौर पैनल लगाकर बिजली बनाने की रूफ-टॉप योजना महावितरण के जी का जंजाल बन गई है। बड़े और ईमानदारी से बिल भरने वाले उपभोक्ता तो रूफ-टॉप नेट मीटरिंग योजना को अपना रहे हैं पर महावितरण को घाटा देने वाले उपभोक्ता महावितरण की पारंपरिक बिजली के भरोसे ही रोशनी कर रहे हैं। इसके चलते अब महावितरण रूफ-टॉप योजना को अपनाने वाले उपभोक्ताओं की ही नकेल कसने में लगी है। 

इससे तो मोहभंग ही होगा
पहले इन उपभोक्ताओं पर 1 रुपए 25 पैसे का सरचार्ज लगाने के लिए महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के दरवाजे पहुंची, अब नेट मीटरिंग को ग्रास मीटरिंग से बदलने का प्रस्ताव महावितरण ने रखा है। इससे रूफ-टॉप योजना का लाभ ही करीब-करीब शून्य हो जाएगा। वैसे भी सौर पैनल लगाने वाले उपभोक्ता यदि अपने उपयोग से ज्यादा बिजली महावितरण को दे रहे हों, तो उन्हें अतिरिक्त यूनिट के लिए भुगतान का प्रावधान नहीं है। अतिरिक्त बिजली को अगले बिल में समाहित किया जाता है। इससे सौर ऊर्जा अपना रहे उपभोक्ताओं को नगद आर्थिक लाभ नहीं है। अब बिलिंग की पद्धति बदलने पर रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी और उपभोक्ता साफ विद्युत के प्रति आकर्षित नहीं होगा।

क्या है ग्रास मीटरिंग
नेट मीटरिंग में उपभोक्ता द्वारा बनाई गई बिजली और प्रयोग की गई बिजली के मध्य के अंतर के लिए ही उपभोक्ता को भुगतान करना होता था। मान लीजिए उपभोक्ता ने 400 यूनिट सौर पैनल छत पर लगा कर उत्पन्न की और वह बिजली महावितरण को चली गई, जबकि उसने 500 यूनिट बिजली माह में प्रयोग की, तो उसे 100 यूनिट बिजली प्रयोग के लिए ही भुगतान करना होता था। ग्रास मीटरिंग में ऐसा नहीं होगा। अब यदि उपभोक्ता 500 यूनिट बिजली का प्रयोग करेगा, तो उसे स्लैब के अनुसार 500 यूनिट के बिल का भुगतान महावितरण को करना होगा। उसके द्वारा बनाई गई बिजली के लिए महावितरण अपनी आपारंपरिक ऊर्जा के औसत खरीद दर से भुगतान करेगी। इससे उपभोक्ता घाटे में ही जाएगा और सौर पैनल लगाने के लिए खर्च की गई लागत की वसूली भी मुश्किल ही हो जाएगी।

Created On :   27 Aug 2018 9:57 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story