नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी को दिए 4 करोड़ और मुंबई पर 18 करोड़ की उदारता,हाईकोर्ट पहुंचा मामलाा

Rs 4 crore given to Nagpur Law University, Rs 18 crores on Mumbai
नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी को दिए 4 करोड़ और मुंबई पर 18 करोड़ की उदारता,हाईकोर्ट पहुंचा मामलाा
नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी को दिए 4 करोड़ और मुंबई पर 18 करोड़ की उदारता,हाईकोर्ट पहुंचा मामलाा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी को मात्र 4 करोड़ रुपए दिए गए जबकि मुंबई को 18 करोड़ देने की उदारता दिखाई गई। मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। मामले में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नागपुर (लॉ यूनिवर्सिटी) सरकार द्वारा उपेक्षा का शिकार होने की बाच सामने आ रही है।  दरअसल वित्तीय वर्ष 2017-18 में सरकार ने प्रदेश की तीनों लॉ यूनिवर्सिटी (मुंबई, नागपुर और आैरंगाबाद) के लिए कुल 27 करोड़ का फंड निर्धारित किया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि तीनों विश्वविद्यालयों को 9-9 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा।  लेकिन वास्तविकता में देखें तो सरकार ने मुंबई लॉ  यूनिवर्सिटी को 18 करोड़ 29 लाख 83 हजार 329 रुपए मंजूर किए। इसकी तुलना में  नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी के लिए महज 4 करोड़ 46 हजार रुपए निर्धारित किए गए। उधर औरंगाबाद लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 2 करोड़ 71 लाख 65 हजार रुपए मंजूर किए गए। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में भी सरकार ने मुंबई लॉ यूनिवर्सिटी को 9 करोड़ 59 लाख 98 हजार 446 रुपए आवंटित किए गए, तो वहीं नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी को महज 4 करोड़ 56 लाख 35 हजार 542 रुपए आवंटित हुए। 
लगाई मदद की गुहार
लॉ यूनिवर्सिटी नागपुर इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रही है, जिसके चलते यूनिवर्सिटी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से मदद की गुहार लगाई है। हाईकोर्ट के पिछले आदेश पर बुधवार को उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त सचिव सीताराम कुंटे ने प्रदेश की तीनों लॉ यूनिवर्सिटी (मुंुबई, नागपुर और आैरंगाबाद) के लिए निर्धारित अनुदान की जानकारी दी। मामले में याचिकाकर्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सुधीर पुराणिक ने कोर्ट के सामने अनुदान राशि में फर्क का मुद्दा रखा। कोर्ट ने भी निरीक्षण में कहा कि नागपुर लॉ यूनिर्वसिटी में सर्वाधिक 120 सीटों की प्रवेश क्षमता होने के बाद भी इसे ठीक से अनुदान नहीं दिया जा रहा। नाराज हाईकोर्ट ने सचिव से सोमवार तक लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा है। 

यह है मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार अनुदान नहीं मिलने के कारण विश्वविद्यालय को अपने दैनिक कार्यान्वयन में परेशानी हो रही है। विविध कामों के भुगतान लटके हुए हैं और आर्थिक परेशानी हो रही है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा विवि के विकास पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की गई थी। एक अरसे से लंबित नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी की जल्द से जल्द शुरुआत का मुद्दा इसमें उठाया गया था। विवि शुरू होने के बाद इसके स्थाई कैंपस के लिए जमीन, पदभर्ती, हॉस्टल और अन्य कई सुविधाओं को लेकर याचिका में विषय रखे गए थे। अब याचिका में विवि की आर्थिक तंगहाली का मुद्दा उठाया गया है। 


 

Created On :   22 March 2018 7:01 AM GMT

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