प्राइवेट स्कूलों ने दी थी बहिष्कार की धमकी, अटक गया RTE एडमिशन प्रोसेस

RTE admission process in private schools of maharashtra
प्राइवेट स्कूलों ने दी थी बहिष्कार की धमकी, अटक गया RTE एडमिशन प्रोसेस
प्राइवेट स्कूलों ने दी थी बहिष्कार की धमकी, अटक गया RTE एडमिशन प्रोसेस

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  RTE एडमिशन प्रोसेस के तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के विद्यार्थियों के लिए भी 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाती है। पिछले पांच वर्षों में दिए RTE प्रवेश के बदले प्रतिपूर्ति न मिलने से इस बार प्राइवेट स्कूलों ने प्रवेश प्रक्रिया के बहिष्कार की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी का असर नागपुर में देखने को मिल रहा है। RTE शेड्यूल के अनुसार 20 जनवरी को स्कूल पंजीयन पूरा होना था, मगर कई स्कूलों के बहिष्कार के चलते तय अवधि में महज 402 स्कूलों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। अभी भी 200 से अधिक स्कूलों ने इस प्रक्रिया को कोई प्रतिसाद नहीं दिया है। अत: स्कूलों को पंजीयन के लिए शिक्षा विभाग ने 25 जनवरी तक का समय दिया है। इस वजह से 22 जनवरी को शुरू होने वाली आवेदन प्रक्रिया आगे टल गई है।  

प्रवेश प्रक्रिया के नियमों में बदलाव
इस बार प्रवेश प्रक्रिया के  नियमों में बदलाव किया गया है। अब तक फॉर्म भरते वक्त आवेदकों को अनगिनत स्कूलों के विकल्प भरने की छूट दी गई थी, लेकिन इस वर्ष आवेदक अधिकांश दस स्कूलों के ही विकल्प भर पाएंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि एक बार किसी भी विद्यार्थी को स्कूल में सीट आवंटित होने के बाद उसे हर हाल में वहां प्रवेश लेना होगा। वरना उसका फाॅर्म ही इस प्रक्रिया से रद्द माना जाएगा। अब तक एक बार सीट आवंटित होने के बाद स्कूल न पसंद आने पर पालक अगले लकी ड्रॉ का इंतजार करते थे। 

प्रवेश प्रक्रिया का बहिष्कार करने की दी थी चेतावनी
नागपुर शहर की स्कूलों को आरटीई की प्रतिपूर्ति बेहद कम मिली है। पिछले पांच वर्षों की 45 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति अभी भी बाकी है। पिछले वर्ष आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के तहत शिक्षा विभाग को करीब 13 हजार विद्यार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिले की 667 स्कूलों में करीब 7 हजार सीटों पर विद्यार्थियों को एडमिशन दिए गए थे। इस वर्ष स्कूलों द्वारा पंजीयन के बाद ही सीटों की उपलब्धता तय की जाएगी। वहीं कई स्कूलों को आरटीई प्रतिपूर्ति का भुगतान नहीं हुआ है। बीते दिनों स्कूल संगठनों ने प्रतिपूर्ति न मिलने पर इस प्रक्रिया का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। परिणाम स्वरूप नागपुर सीबीएसई प्राईवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने प्रतिपूर्ति मिले बगैर सत्र 2018-19 के लिए विद्यार्थियों को प्रवेश न देने का निर्णय लिया है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने बकाया 45 करोड़ रुपए में से 12 करोड़ रुपए जारी किए हैं। जिला शिक्षा विभाग जल्द ही स्कूलों को यह राशि आवंटित करेगा। 

शेष राशि भी जल्द ही जारी होगी
स्कूलों की ओर से पर्याप्त प्रतिसाद नहीं मिला है। 200 स्कूलों का पंजीयन अभी बाकी है, इसलिए हम उन्हें पांच दिन का समय और दे रहे हैं। जहां तक की प्रतिपूर्ति की बात है, शिक्षा विभाग ने 12 करोड़ रुपए जारी कर दिए है। शेष राशि भी जल्द ही जारी होगी। 
- दीपेंद्र लोखंडे, जिला शिक्षा अधिकारी 

Created On :   22 Jan 2018 7:30 AM GMT

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