एम्प्रेस मॉल में नियमों का उल्लंघन, बिजली प्लांट को लेकर हाईकाेर्ट में याचिका दायर

Rules violation in the Empress Mall, petition filed in the HC
एम्प्रेस मॉल में नियमों का उल्लंघन, बिजली प्लांट को लेकर हाईकाेर्ट में याचिका दायर
एम्प्रेस मॉल में नियमों का उल्लंघन, बिजली प्लांट को लेकर हाईकाेर्ट में याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में दायर जनहित याचिका में शहर के एम्प्रेस मॉल की विसंगतियों का मुद्दा उठाया गया है। जिसमें मॉल में हुए अवैध निर्माणकार्य, अग्नि से असुरक्षित, जलापूर्ति नियमों का उल्लंघन जैसे मुद्दे उठाए गए हैं। मामले में हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता चंदू लाडे और राकेश नायडू के अधिवक्ता विवेक भारद्वाज ने मॉल प्रबंधन कंपनी केएसएल एंड इंडस्ट्री लिमि. पर आरोप लगाया कि उन्होंने तमाम नियमों का उल्लंघन कर मॉल परिसर में ही इंडस्ट्रियल प्लांट लगा कर मॉल के लिए बिजली उत्पादन करना शुरू कर दिया है। ऐसा करने के लिए किसी प्रकार की प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई है। यह प्लांट क्रूड ऑयल के जरिए 11.60 मेगावाॅट की बिजली उत्पन्न कर रहा है। इस प्लांट में लगे टैंकों में कभी भी विस्फोट होने की आशंका है।

याचिकाकर्ता ने मॉल प्रबंधन पर यह भी आरोप लगाए हैं कि वे महावितरण से 15 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर मॉल के 150 दुकानदारों को महंगे दरों से बिजली वितरित कर रहे हैं, जो अवैध है। मामले में याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को देख कर हाईकोर्ट ने मुख्य अभियंता महावितरण, चीफ कंट्रोलर ऑफ एक्सप्लोसिव और पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रीसिटी इंस्पेक्टर को मॉल में जाकर निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं और 5 सितंबर तक  कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

यह था मामला
पूर्व में हुई सुनवाई में मनपा ने हाईकोर्ट को बताया था कि समय-समय पर उनके द्वारा मॉल का निरीक्षण किया जाता है। बीते दिनों मनपा ने अग्निसुरक्षा के मापदंडों का उल्लंघन करता देख मॉल को असुरक्षित घोषित किया था, जिसके खिलाफ मॉल प्रबंधन ने अग्निशमन विभाग संचालक के पास अपील दायर कर स्थगन प्राप्त किया था। इसके बाद उन्होंने मनपा को दोबारा माॅल का निरीक्षण करने के आदेश दिए थे। समय-समय पर हुए निरीक्षण के आधार पर मनपा की कार्रवाई जारी है।

मनपा की दलीलों का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विवेक भारद्वाज ने कोर्ट में मुद्दा उठाया था कि मनपा पहले मॉल का निरीक्षण करके कई खामियां निकालती है। इसके बाद कंपनी मनपा की कार्रवाई पर स्थगन ले आती है। इसके बाद मनपा फिर मॉल का निरीक्षण करके नई खामियां निकालती है। जिसके बाद मॉल प्रबंधन अपने पक्ष में नया आदेश ला लेता है। यह चक्र बीते कई महीनों से चल रहा है, लेकिन मॉल प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। वर्ष 2014 से मॉल की जलापूर्ति बंद है, तो मॉल प्रबंधन ने मॉल के भीतर ही कुएं खोद रखे हैं, जिसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कोई अनुमति नहीं ली गई। मनपा ने मॉल से ग्राउंड वाटर रेंट की वसूली भी नहीं की। यह मामला अब कोर्ट के विचाराधीन है। मामले में मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट ने पक्ष रखा।

Created On :   30 Aug 2018 6:34 AM GMT

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