सबसे पहले चांद पर पहुंचने के अमेरिकी दावों की जांच करेगा रूस
- रूस ने एक चौंकाने वाला फैसला किया है।
- दुनिया की दो महाशक्तियां अमेरिका और रूस के बीच हमेशा से प्रतिद्वंदिता चलती रहती है।
- रूस ने कहा है कि वह अमेरिका के चांद पर सबसे पहले आदमी भेजने वाले दावे की जांच करेंगे।
डिजिटल डेस्क, मास्को। दुनिया की दो महाशक्तियां अमेरिका और रूस के बीच हमेशा से प्रतिद्वंदिता चलती रही है। कभी रूस, अमेरिका पर उनके अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाता है, तो कभी अमेरिकी एजंसियां, रूस पर प्रेसिडेंट इलेक्शन मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाती हैं। अब इसी कड़ी में रूस ने एक चौंकाने वाला फैसला किया है। रूस ने कहा है कि वह अमेरिका के चांद पर सबसे पहले आदमी भेजने वाले दावे की जांच करेंगे।
रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कॉसमॉस के चीफ दिमित्री रोगोजिन ने कहा कि वह जल्द ही एक चंद्रमा के लिए मिशन रखने वाले हैं। शनिवार को ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में दिमित्री रोगोजिन ने कहा, "हमने एक मिशन पर काम करने का फैसला किया है। हम इस मिशन से सच्चाई का पता लगाएंगे कि क्या वाकई अमेरिका चांद पर पहुंचा था या NASA केवल झूठे दावे करता है।
रोगोजिन से पूछा गया था कि क्या NASA का वह दावा ठीक है, जिसमें उन्होंने लगभग 50 साल पहले चंद्रमा पर उतरने की बात कही थी। हालांकि रोगोजिन इस दौरान मुस्कुरा रहे थे, लेकिन NASA के चंद्रमा मिशन पर रूस का जांच-पड़ताल करना आम बात है।
रूस ने काफी समय पहले ही चंद्रमा को लेकर अपना मिशन छोड़ दिया था। इससे पहले सोवियत संघ ने 1970 के दशक में चांद को लेकर चार एक्सपेरिमेंट किए थे। यह चारों एक्सपेरिमेंट बुरी तरीके से फेल हुए थे और इस्तेमाल किए गए रॉकेट विस्फोट कर गए थे। इसके बाद सोवियत संघ ने "लूनर प्रोग्राम" नाम के मिशन चांद को स्थगित कर दिया था। 2015 में, रूसी इन्वेस्टिगेटिव कमेटी के पूर्व प्रवक्ता ने नासा मून लैंडिंग की जांच की मांग की थी।
बता दें कि 20 जुलाई, 1969 का दिन मानव इतिहास के लिए खास माना जाता है। NASA के एक मिशन द्वारा इंसान ने पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा था। नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले आदमी थे। NASA के अपोलो 11 अंतरिक्ष यान पर सवार होकर नील और बज एल्ड्रीन चांद पर पहुंचे थे।
Created On :   24 Nov 2018 4:05 PM GMT