साधु-संतों के साथ किसानों ने रैली निकाली, कहा- सत्ताधारी अपने वादे से मुकरे

sadhu sant and farmers protest against state and central govt
साधु-संतों के साथ किसानों ने रैली निकाली, कहा- सत्ताधारी अपने वादे से मुकरे
साधु-संतों के साथ किसानों ने रैली निकाली, कहा- सत्ताधारी अपने वादे से मुकरे

डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। 6 साल पहले जिले में प्रदेश की पहली नदी तालाब जोड़ो परियोजना शुरू की गई। हरपुरा नहर परियोजना से जिले के 12 तालाबों को भरा जाना था, लेकिन बीच में ही योजना को बंद कर दिया गया। अधिकारियों के इस रवैये से बराना क्षेत्र के किसान खासे नाराज हैं। उन्होंने कई बार कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर हरपुरा नहर से बराना तालाब भरने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। गुरुवार को साधु संतों के साथ किसानों ने शहर में रैली निकालकर नारेबाजी की। कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान नारेबाजी की गई कि क्षेत्र का विकास कराना है और नया विधायक लाना है।

पत्र के माध्यम से किसानों ने कहा कि बम्हौरी बराना तालाब को हरपुरा नहर से जोड़े जाने की योजना बनाई गई थी। अब कुछ तालाबों को नहर से जोड़ा गया है, लेकिन बराना तालाब तक नहर नहीं बनाई गई। सत्ता में बैठे नेता और अधिकारी किसानों से किए गए वादे से मुकर गए हैं।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने 12 तालाबों को नहर से भरने के लिए योजना के दो चरण बना दिए। एक चरण पूरा करने के बाद दूसरा चरण बंद कर दिया है। जबकि बराना तालाब दूसरे चरण में शामिल है। पहले चरण में बनाई गई नहर में भी तकनीकि खामियां रहीं। भ्रष्टाचार के चलते नहर कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। कई तालाबों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों ने कहा कि नहर के निर्माण की जांच कराई जाए तो 50 प्रतिशत राशि का दुरुपयोग किया गया है। ज्ञापन के दौरान बराना मंदिर के महंत रामानंददास महाराज, धजरई मंदिर के महंत सीतारामदास महाराज के साथ किसान नेता दाखीराम लोधी टाले, किसान वीरसिंह दांगी, परशुराम विश्वकर्मा बराना, रहीश दांगी, विजय सिंह दांगी फीरोजपुरा, मलखान सिंह लोधी बैनी लोधी पठार, सुरेन्द पुजारी लाखरौन, जगदीश साहू, संतोष साहू, गब्बर सिंह दांगी, संदीप पाण्डेय, बब्लू भौंडेले, रामप्रसाद प्रजापति के अलावा बम्हौरी बराना, लाखरौन, प्रतापपुरा, पठा, खड़ाई, रानीगंज गांवों के और भी किसान मौजूद रहे।

अधिकारियों ने स्वर्गवासी महंत से किया था वादा
किसानों ने कहा कि साल 2012 में जब हरपुरा नहर का भूमिपूजन किया गया था। उस दौरान साकेतवासी महंत शिवनंदन दास महाराज मौजूद थे। उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जयंत मलैया और जल संसाधन विभाग के अधिकारी राधेश्याम जुलानिया से बराना तालाब को नहर से भरने की बात कही थी। उस दौरान मंत्री जयंत मलैया और श्री जुलानिया ने महंत से वादा किया था। परियोजना के तहत मझगुवां के पास से मुख्य नहर से बराना तालाब के लिए नहर बनाई जाना थी, लेकिन अब अधिकारियों ने इस परियोजना को रोक दिया है।

तालाब भरने से रुकेगा मजदूरों का पलायन
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि लगातार सूखा के कारण बराना के एतिहासिक तालाब में बहुत कम पानी जमा हो रहा है। जिससे आसपास के एक दर्जन गांवों के किसानों को खेती के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। किसान नेता दाखीराम लोधी टाले ने कहा कि अगर नहर के माध्यम से तालाब को जोड़ दिया जाए तो तालाब में साल भर पानी रहेगा। जिससे बराना, फिरोजपुरा, खड़ाई, रानीगंज, लाखरौन, प्रतापपुरा, पठार, बम्हौरी सहित कई गांवों के किसानों और मजदूरों को लाभ होगा। अभी सूखा के कारण हर साल हजारों किसान रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते हैं। तालाब में पानी रहने से लोग खेती किसानी कर अपना परिवार चला सकेंगे। जिससे लोगों को रोजगार के लिए महानगरों में नहीं भटकना पड़ेगा। इस दौरान किसानों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज होकर एक स्वर में नारेबाजी की और कहा कि क्षेत्र का विकास कराना है नया विधायक लाना है।

Created On :   21 Sep 2018 8:11 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story