फर्जी अनुभव प्रमाण को सत्यापित करने वाले SAIL के उप प्रबंधक और दो कॉन्ट्रेक्टरों को सजा

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फर्जी अनुभव प्रमाण को सत्यापित करने वाले SAIL के उप प्रबंधक और दो कॉन्ट्रेक्टरों को सजा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने नार्दन कोल फील्ड लिमिटेड सिंगरौली (एनसीएल) में फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र को सत्यापित करने के मामले में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सैल) के तत्कालीन उप प्रबंधक निर्मल कुमार विश्वास को दो वर्ष सजा और 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित है। न्यायालय ने इस मामले में एनसीएल के दो कॉन्ट्रेक्टरों सौरभ अग्रवाल और गौरव अग्रवाल को तीन-तीन साल की सजा और 30-30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। 

वर्ष 2003 से 2006 के बीच का मामला 
अभियोजन के अनुसार सिंगरौली निवासी कॉन्ट्रेक्टर सौरभ अग्रवाल और गौरव अग्रवाल ने एनसीएल सिंगरौली से वर्ष 2003 से 2006 के बीच 6 करोड़ 82 लाख 77 हजार 134 रुपए के 19 कॉन्ट्रेक्ट हासिल किए। इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई कि फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के जरिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल किए गए हैं। एनसीएल ने फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र की विभागीय जांच शुरू कराई। सौरभ और गौरव अग्रवाल ने सैल के तत्कालीन उप प्रबंधक निर्मल कुमार विश्वास के साथ मिलकर फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्रों को सत्यापित करवा करा लिया। इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच बंद कर दी गई। मामला बार - बार लटकता रहा और इसके आरोपी अपने रसूख के दम पर विभाग में ही फर्जी तरह से चांदी पीटते रहे। अंतत: बाल सीबीआई के पाले में पहुंची और फिर दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

हुई थी सीबीआई जांच
सीबीआई की जांच में पाया गया कि सौरभ और गौरव अग्रवाल ने फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के जरिए ही कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था। जांच के दौरान सैल के उप प्रबंधक से मिलकर फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्रों को सत्यापित करवा लिया। सीबीआई ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र पेश किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने सैल के तत्कालीन उप प्रबंधक निर्मल कुमार विश्वास, कॉन्ट्रेक्टर सौरभ अग्रवाल और गौरव अग्रवाल को सजा सुनाई। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक जगदीश दायमा ने पैरवी की।

Created On :   31 May 2019 7:58 AM GMT

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