सनथ जयसूर्या पर लगा 2 साल का बैन, जांच में सहयोग नहीं करने का था आरोप
- जयसूर्या ने एंटी करप्शन यूनिट को जांच के लिए अपना फोन सौंपने से इनकार कर दिया था।
- जयसूर्या ने पिछले साल एंटी करप्शन यूनिट के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया था।
- सनथ जयसूर्या को आईसीसी ने दो साल के लिए बैन कर दिया है।
डिजिटल डेस्क, दुबई। श्रीलंका के पूर्व सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या को ICC ने दो साल के लिए क्रिकेट से जुड़ी सभी गतिविधियों से बैन कर दिया है। जयसूर्या ने पिछले साल एंटी करप्शन यूनिट के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया था। एंटी करप्शन यूनिट ने जांच के लिए जयसूर्या से उनका मोबाइल फ़ोन मांगा था, लेकिन उन्होंने अपना फोन सौंपने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ICC ने जयसूर्या पर एंटी करप्शन कोड के आर्टिकल 2.4.6 और 2.4.7 के तहत दो मामलों में अपराध दर्ज करते हुए यह बैन लगाया है।
International Cricket Council: Sanath Jayasuriya has been banned from all cricket for two years after admitting breaching two counts of the ICC Anti-Corruption Code. pic.twitter.com/ctKaBgbnzH
— ANI (@ANI) February 26, 2019
ICC के जनरल मैनेजर एलेक्स मार्शल ने कहा कि संस्था ने क्रिकेट से करप्शन को हटाने के लिए बहुत अच्छा काम किया है। हमने जो जांच की और जो जानकारी प्राप्त हुई, उससे कई नए खुलासे भी हुए हैं। अब हमारे पास श्रीलंकन क्रिकेट की स्थिति बहुत स्पष्ट है और हम करप्शन के खिलाफ अपनी जांच जारी रखेंगे। मार्शल ने कहा कि श्रीलंका क्रिकेट के बारे में हमें और भी कई जानकारी प्राप्त हुई हैं और हम उस पर भी एक्शन लेंगे।
जयसूर्या पर पिछले कुछ समय से पिच फिक्सिंग के आरोप लग रहे थे। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने जांच के दौरान ही जयसूर्या को चेयरमैन ऑफ सेलेक्टर्स बनाया था। करप्शन का आरोप लगने के बाद जयसूर्या ने कहा था कि मैच फिक्सिंग, पिच फिक्सिंग या किसी भ्रष्ट गतिविधि से उनका कोई लेना-देना नहीं है और जांच से इनकार कर दिया था। इसके बाद श्रीलंका के इस 49 वर्षीय महान ओपनर ने ICC से कहा था कि वह एंटी करप्शन यूनिट को सहयोग नहीं करेंगे और इसके बदले किसी भी तरह की सजा भुगतने को तैयार हैं।
बता दें कि किसी खिलाड़ी पर आर्टिकल 2.4.6 के तहत आरोप तब लगाया जाता है, जब कोई खिलाड़ी एंटी करप्शन यूनिट द्वारा की गई किसी भी जांच में बिना औचित्य के सहयोग नहीं करता है। वहीं ACU द्वारा की जा रही किसी भी जांच को रोकना या देरी करना, दस्तावेज या अन्य जानकारी को छुपाना, छेड़छाड़ करना या नष्ट करना आर्टिकल 2.4.7 के तहत गुनाह है।
Created On :   26 Feb 2019 2:01 PM GMT