साल 2017 की अंतिम 'संकटा चतुर्थी' आज, इस विधि से करें 'बप्पा' की पूजा

साल 2017 की अंतिम 'संकटा चतुर्थी' आज, इस विधि से करें 'बप्पा' की पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस बार संकटा चतुर्थी या संकष्टी चतुर्थी 6 दिसंबर को है। प्रत्येक माह पड़ने वाले चतुर्थी व्रत की दिन के अनुसार अलग-अलग मान्यता है। यह माह में दो बार आते हैं। आज साल 2017 की आखिरी संकटा चतुर्थी है। इसे संकटों को समाप्त करने वाला माना गया है जिसकी वजह से ही इसका नाम संकटा चतुर्थी पड़ा हैै। यह व्रत रखने से गणपति की विशेष कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है। बुधवार गणपति का दिन है और इस बार संकटा चतुर्थी भी बुधवार को ही पड़ी है जिसकी वजह से ये और भी अधिक फलदायी है। 


इस दिन भगवान गणेश की पूजा का अत्यधिक महत्व है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में संकटा चतुर्थी व्रत का सर्वाधिक प्रचलन है। संकटा चतुर्थी पर फल जड़ अर्थात जमीन के अंदर और पौधों के भाग के साथ वनस्पति का ही सेवन किया जाता है। 

 

चंद्र दर्शन करें और उसके बाद ही उपवास खोलें

व्रत में गणपति पूजन के बाद के बाद चंद्र दर्शन करें और उसके बाद ही उपवास खोलें। इस व्रत को लेकर मान्यता है कि यदि इस दिन विधि-विधान से पूजन किया जाता है तो सभी संकटों को बप्पा स्वयं ही हर लेते हैं। यह परिवार के सभी कष्ट मिटाता है एवं क्लेश दूर करता है। 

  
व्रत एवं पूजन विधि
सुबह से बप्पा का नाम लेकर व्रत का श्रीगणेश करें। संकटा चतुर्थी पूजन के लिए विशेष रूप से ईशानकोणमें चौकी स्थापित करें। पूजा का संकल्प लेकर उनको जल, दूर्वा एवं अक्षत के साथ ही लड्डू, पान अर्पित करें। केले के पत्ते पर रोली का त्रिकोण बनाएं। इसके अग्र भाग पर एक घी का दीपक जलाएं और उसे इसके बीच में  रखें। अब गणपति बप्पा की आराधना प्रारंभ करें। केले के पत्ते के बीच में मसूर की दाल एवं सात लाल साबुत मिर्च रखकर गणपति मंत्र का जाप करें। बप्पा के विभिन्न नामों का जाप 108 बार करें। यदि 108 नाम स्मरण हैं तो इन्हें 108 बार जपें।  

Created On :   6 Dec 2017 2:28 AM GMT

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