हाथों में हथकड़ी के साथ आंबेकर आईसीयू में , वार्ड के अंदर और बाहर कड़ा पहरा

Santosh shashikant ambedkar in icu, tight security inside and outside ward
हाथों में हथकड़ी के साथ आंबेकर आईसीयू में , वार्ड के अंदर और बाहर कड़ा पहरा
हाथों में हथकड़ी के साथ आंबेकर आईसीयू में , वार्ड के अंदर और बाहर कड़ा पहरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। चक्कर आने पर बदमाश  संतोष शशिकांत आंबेकर (49) को मेडिकल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है। वह वार्ड नंबर 24 में है जहां गंभीर मरीजों को रखा जाता है। आंबेकर को इस वार्ड में रेफर किए जाने पर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस वार्ड में आंबेकर से किसी को मिलने की अनुमति नहीं है। इसके चलते वार्ड के अंदर और बाहर पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त है। 

मेडिकल अस्पताल में प्रिजन वार्ड अलग से बना है। इस वार्ड में पुलिस की हिरासत में रहने वाले आरोपियों और कैदियों के लिए उपचार कराने की व्यवस्था है। आरोपी संतोष आंबेकर को चक्कर आने पर किसने मेडिकल के आईसीयू में रेफर करने का आदेश दिया है इस संबंध में मेडिकल के अधिकारी- कर्मचारी कुछ बताने को तैयार नहीं है। बता दें कि नागपुर के मेडिकल अस्पताल में कई बार मरीजों को आईसीयू की जरूरत होने के बाद भी उन्हें यहां जगह नहीं मिल पाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के  व्यापारी जिगरभाई पटेल के साथ ठगी के आरोप में इतवारी के सुदर्शन चौक निवासी संतोष आंबेकर को अपराध शाखा पुलिस विभाग ने गत 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। न्यायालय में पेशी के समय वह काफी दूर तक पैदल चलकर गया था।

न्यायालय ने उसे 18 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। 15 अक्टूबर की शाम करीब 4 बजे आंबेकर ने चक्कर आने की बात पुलिस को बताई। पुलिस उसे मेडिकल अस्पताल ले गई जहां उसका ईसीजी किया गया। बाद में उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। आंबेकर का आईसीयू में कार्नर के पलंग पर उपचार चल रहा है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि संतोष को आईसीयू में रखा जरूर गया है, लेकिन उसे किसी तरह की सलाइन या मॉस्क नहीं लगाया गया है। एहतियातन उसके हाथों में हथकड़ी भी लगाई गई है।

जानकारों की मानें तो आईसीयू वार्ड में गंभीर रोगों के मरीजों को भर्ती किया जाता है। इधर, संतोष आंबेकर का दाहिना हाथ कहा जाने वाला उसका भांजा नीलेश ज्ञानेश्वर केदार (34) निवासी इतवारी हाईस्कूल दारोडकर चौक  को भी अपराध शाखा पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।  नीलेश 18 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर है। उसने अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है। उसके मामा संतोष आंबेकर के गिरफ्तार किए जाने के दो दिन बाद ही अपराध शाखा पुलिस ने नीलेश को धरदबोचा था। उस समय पुलिस सूत्रों ने बताया था कि शैलेश केदार काे गिरफ्तार किया गया है। अब पुलिस ने बताया कि वह शैलेश नहीं, बल्कि आरोपी नीलेश केदार है। नीलेश पर आरोप है कि जब जिगरभाई पटेल नागपुर में मुंबई की प्रापर्टी की खरीदारी के सिलसिले में बातचीत करने आया था। तब संतोष आंबेकर ने एक आलीशान होटल में पार्टी की व्यवस्था की थी। मुंबई के लोगों ने जब संतोष आंबेकर का जिगरभाई पटेल को परिचय दिया था, तब पटेल को बताया गया था कि आंबेकर प्रापर्टी की खरीदी- बिक्री के कारोबार से जुड़ा है।

आखिर कौनसी जमीन के दिए थे फर्जी दस्तावेज 

गुजरात के व्यापारी जिगरभाई पटेल काे मुंबई में जगह बेचने के नाम पर 5 करोड़ रुपए लेकर फर्जी दस्तावेज देकर धोखाधड़ी करने वाले संतोष आंबेकर और उसके भांजे नीलेश केदार से पुलिस यह पूछताछ करने में जुट गई है कि आखिर इन आरोपियों ने जिस जमीन के फर्जी दस्तावेज दिए थे, वह जमीन आखिर किसकी है। बता दें िक संतोष और उसके भांजे नीलेश पर धारा 420,467,468,471,384,506(2),34 के तहत प्रकरण दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकरण को पुलिस आयुक्त डा भूषणकुमार उपाध्याय ने काफी गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस के अलग- अलग दस्ते तैयार किए गए हैं। हर दस्ते को अलग- अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। दस्तों को एक-दूसरे के कार्य के बारे में जानकारी नहीं है। यह दस्ते संबंधित अधिकारियों को पल- पल की जानकारी दे रहे हैं। 
 

Created On :   17 Oct 2019 8:23 AM GMT

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