SC/ST एक्ट पर बहस: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कानून बनाना संसद का काम

SC hear centre review petition on sc st protection act
SC/ST एक्ट पर बहस: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कानून बनाना संसद का काम
SC/ST एक्ट पर बहस: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, कानून बनाना संसद का काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को SC/ST एक्ट पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान गुरुवार को केंद्र ने कहा कि इस तरह की गाइडलाइंस जारी करना जुडिशल ऐक्टिविजम है। केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलील रखते हुए अटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून नहीं बना सकता, यह संसद का काम है। उन्होंने मामले को संवैधानिक बेंच में भेजने की मांग की।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अपने पिछले फैसले पर रोक लगाने की मांग की लेकिन कोर्ट ने स्टे से इनकार किया। मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी। केंद्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून के गैप को भर सकता है लेकिन देशभर के लिए ऐसा गाइडलाइन नहीं जारी कर सकता जो कानून के तरह हों। एजी ने कहा कि यह जु़डिशल ऐक्टिविजम है, कानून बनाना संसद का काम है।

केंद्र ने 2 अप्रैल को कोर्ट का रुख किया था

SC/ST एक्ट के तहत तत्काल FIR और गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगाने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हुए केंद्र ने 2 अप्रैल को कोर्ट का रुख किया था। जानकारी के मुताबिक इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मामले से जुड़े लिखित दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किये थे।

संवैधानिक पीठ करेगी सुनवाई

वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ से कहा था कि कोर्ट की मांग पर लिखित दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। 4 राज्यों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। जिसके बाद न्यायमूर्ति गोयल ने मामले की सुनवाई के लिए 3 मई की तारीख तय की थी।

तत्काल गिरफ्तारी पर लगाई रोक

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को अपने फैसले में SC/ST प्रोटेक्शन एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ तत्काल एफआईआर और उसकी तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। सरकार ने हर पहलू पर विचार के बाद 2 अप्रैल को इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल की थी। सरकार की ओर से यह भी संकेत दिया जा चुका है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख नहीं बदला तो अध्यादेश लाकर पुराने कानून को स्थापित किया जा सकता है।

फैसले के बाद बुलाया गया था भारत बंद

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को SC/ST एक्ट के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया था। कोर्ट के फैसले के विरोध में 3 मार्च को भारत बंद बुलाया गया था। देशभर में हिंसा भड़कने पर कई लोगों की मौत भी हो गई थी। 

Created On :   3 May 2018 3:34 AM GMT

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