टैंकर और सोलर लाइट घोटाले में कलेक्टर, विधायक को नोटिस- डेढ़ करोड़ का मामला

scam in drinking water tanker and solar bulb supply has been given to EOW Sagar
टैंकर और सोलर लाइट घोटाले में कलेक्टर, विधायक को नोटिस- डेढ़ करोड़ का मामला
टैंकर और सोलर लाइट घोटाले में कलेक्टर, विधायक को नोटिस- डेढ़ करोड़ का मामला

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। चंदला विधानसभा क्षेत्र में पेयजल टैंकर और सोलर बल्ब सप्लाई में घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू सागर को दी गई है। इसके लिए जांच अधिकारी भी नियुक्त हो गए हैं। जांच अधिकारी द्वारा आवेदक लखन अनुरागी और अनावेदक कलेक्टर व चंदला विधायक को भी अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनके जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। चंदला विधानसभा में सोलर बल्ब और टैंकर सप्लाई में करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए की गड़बड़ी की शिकायत की गई है।

क्या है मामला
 चंदला विधायक आरडी प्रजापति ने विधानसभा क्षेत्र में पेयजल संकट को देखते हुए ग्राम पंचायतों को अपनी निधि से टैंकर सप्लाई किए जाने की अनुशंसा की थी। इस पर जिला योजना समिति द्वारा मप्र लघु उद्योग निगम के माध्यम से सीहोर की एक संस्था को टैंकर सप्लाई का आर्डर दिया। इस आर्डर के मुताबिक 5500 लीटर क्षमता के टैंकर सप्लाई किए जाना थे, लेकिन जो टैंकर सप्लाई हुए वे आकार में छोटे हैं। इसके अलावा बाजार मूल्य और इस संस्था के मूल्य में करीब 40 हजार रुपए से अधिक अंतर है। इसी प्रकार विधायक आरडी प्रजापति ने गांवों को रोशन करने के लिए 404 सोलर बल्ब सप्लाई का आदेश नागपुर की एक संस्था को दिया। इस संस्था द्वारा तय की गई बल्ब की कीमत और बाजार मूल्य में प्रति बल्ब 17 हजार 500 रुपए का अंतर है। वहीं भुगतान होन के बाद भी अभी तक इस संस्था द्वारा पूरे बल्ब सप्लाई ही नहीं किए हैं। इस मुद्दे को चंदला के कांग्रेस नेता लखन अनुरागी द्वारा उठाया गया। सबसे पहले इस घोटाले को दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित किया गया। इस मुद्दे को लेकर लखन अनुरागी द्वारा कलेक्टर, एसपी से लेकर मुख्य सचिव मप्र शासन और महानिदेशक आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो भोपाल तक शिकायत की।

ईओडब्ल्यू ने दिखाई गंभीरता
 मामले की शिकायत लखन अनुरागी द्वारा सबसे पहले कलेक्टर से की गई, लेकिन इस मामले में विधायक से अधिक जिला योजना समिति के  धिकारी और कलेक्टर दोषी थे इस कारण मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई न होने के बाद लखन अनुरागी ने आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू)के महानिदेशक से की। इस मामले को डीजीपी ईओडब्ल्यू ने गंभीरता से लेते हुए मामला के जांच  ईओडब्ल्यू एसपी सागर को दे दी। एसपी ईओडब्ल्यू सागर ने जांच अधिकारी छतरपुर भेजकर जिला योजना समिति से शिकायत से संबंधित दस्तावेज मांगे थे। इन दस्तावेजों को प्राप्त करने के बाद अब जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

Created On :   28 Sep 2018 8:25 AM GMT

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