नागौद-उचेहरा स्टेट हाइवे: पहले मेंटेनेंस की आड़ में पौने 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा

Scame on Nagod Uchehra state Highway satna
नागौद-उचेहरा स्टेट हाइवे: पहले मेंटेनेंस की आड़ में पौने 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा
नागौद-उचेहरा स्टेट हाइवे: पहले मेंटेनेंस की आड़ में पौने 2 करोड़ का फर्जीवाड़ा

दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, सतना। नागौद-उचेहरा स्टेट हाइवे पर करोड़ों के फर्जीवाड़े का खेल फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 42 करोड़ की लागत से 32 किलोमीटर पर निर्माणाधीन जिले का ये वही राज्य मार्ग पर है, जिस पर पैच रिपेयरिंग की आड़ में एमपीआरडीसी के अफसर 4 साल के अंदर तकरीबन 1 करोड़ 72 लाख रुपए के फर्जी भुगतान पहले ही हासिल कर चुके हैं। कांग्रेस के जिला प्रवक्ता अतुल सिंह परिहार के एक दावे के मुताबिक अगर मामले की उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराई जाए तो सच अपने आप सामने आ जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 में यही सडक़ राजकोट की श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाई थी। वर्ष 2012 में जैसे ही श्रीजी का गारंटी पीरियड खत्म हुआ।  

अफसरों की बांछे खिल उठीं। आनन फानन में मेंटेनेंस का प्रोजेक्ट बनाया गया। वित्तीय वर्ष 2012 से 2016 के बीच एमपीआरडीसी के रीवा स्थित जीएम पीके जोशी और उनके खास शार्गिद असिस्टेंट मैनेजर केके गर्ग ने कथित तौर पर सागर की एक सडक़ निर्माता कंपनी की आड़ लेकर कागजों में 1 करोड़ 72 लाख की भारी भरकम रकम का काम तमाम कर दिया। आरोप है कि बावजूद इसके जब इन दोनों अफसरों का पेट नहीं भरा तो 42 करोड़ की नई रणनीति पेश कर दी गई। 4.6 किलोमीटर के उचेहरा बायपास के साथ कुल 32 किलोमीटर की सडक़ का वर्क आर्डर नोएडा की एसएस कंस्ट्रक्शन कंपनी को पिछले 15 सिंतबर को मिला था। प्रोजेक्ट 42 करोड़ का है।

टेंडर शर्त के मुताबिक काम 14 सितंबर तक पूरा किया जाना है लेकिन 9 माह गुजर जाने के बाद भी मौके पर सडक़ का काम महज 7 किलोमीटर ही हो पाया है। ठेकेदार ने शेष 25 किलोमीटर सडक़ इस कदर खोद डाली है कि उस पर अब पैदल चलना भी दुश्वार है। कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि अब तक बनाई जा चुकी 7 किलोमीटर सडक़ बेहद घटिया है। उन्होंने बताया कि मामले की शिकायत राज्यशासन के साथ एमपीआरडीसी के एमडी मनीष रस्तोगी से भी की गई है।

गिट्टी-मिट्टी का खेल जारी
श्री परिहार के आरोप के मुताबिक गिट्टी की आड़ में माइनिंग के ओवर बर्डन के सप्लायर, एमपीआरडीसी के रीवा स्थित जीएम पीके जोशी, असिस्टेंट मैनेजर केके गर्ग और एसएस कंस्ट्रक्शन कंपनी गुडग़ांव की मिलीभगत से अब तक सिर्फ 7 किलोमीटर में लगभग 5 करोड़ की घटिया गिट्टी-मिट्टी में मिलाई जा चुकी है। इतना ही नहीं गिट्टी के सप्लायर को उपकृत करने के लिए एमपीआरडीसी के अफसरों ने वर्ष 2009 में राजकोट की श्रीजी कांस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाई गई इसी सडक़ को रोड लेबल से लगभग डेढ़ से 2 फिट नीचे खोद कर उम्दा किस्म की गिट्टी निकाल ली है और भारी मात्रा में हाथ लगे फोकट के इस माल (पुरानी गिट्टी) को नई गिट्टी बता कर लगभग 5 करोड़ की बिलिंग कर दी गई है। इस सडक़ पर इससे पूर्व 60 सेंटीमीटर के लेबल पर क्रस्ट का इस्तेमाल किया था।

Created On :   25 Jun 2017 5:01 AM GMT

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